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राजस्थान का रण : चौंकाने वाले आंकड़े, 41 साल में एक बार भी किसी पार्टी को नहीं मिले 50 फीसदी वोट

locationजयपुरPublished: Sep 22, 2018 10:37:05 pm

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राजस्थान का रण : चौंकाने वाले आंकड़े, 41 साल में एक बार भी किसी पार्टी को नहीं मिले 50 फीसदी वोट

जयपुर. चुनावों में भले ही राजनीतिक दलों को स्पष्ट बहुमत मिलता रहा हो, लेकिन पिछले 14 विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दल प्रदेश की पचास फीसदी से अधिक जनता का मन जीतने में दो बार ही कामयाब हो सके हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव में 163 सीट जीतकर भाजपा भारी-भरकम बहुमत के साथ सरकार में आई थी। इसके बावजूद भाजपा को 2013 में 45.17 फीसदी ही वोट हासिल हुए थे।
लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव में वोट फीसदी से अधिक सीटों की संख्या की अहमियत है। वहीं गत 66 सालों में दलों को मिलने वाले वोट प्रतिशत को देखें तो चुनावों में जीतने वाले प्रत्याशियों से अधिक वोट हारने वालों के पास नजर आते हैं। सीधी टक्कर में निर्वाचित का वोट प्रतिशत भी अधिक होता है। यह स्थिति अधिक सीटों पर देखने को नहीं मिली है। अधिकांश पर 15 या इससे अधिक तक प्रत्याशी मैदान में होते हैं। प्रत्याशी कम वोट हासिल करते हों, लेकिन सबके वोट जोड़ दें तो ये जीतने वाले से अधिक हो जाते हैं। 66 साल में 14 चुनावों में से सिर्फ दो बार ही सत्ताधारी दल 50 फीसद या इससे अधिक वोट ले सके हैं। 1972 में कांग्रेस ने 51.13 फीसदी वोट लेकर 145 सीटें जीती। 1977 के चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत करीब 20 फीसदी तक गिरा,जनता पार्टी ने 50.39 फीसदी वोट हासिल कर सरकार बना ली। जनता पार्टी को 152 सीटें हासिल हुई थीं।
1985: प्रतिशत बढ़ा, 20 सीटें हुई कम
1985 में कांग्रेस को 46.57 फीसदी वोट मिला, यह 1980 के मुकाबले 3.61 फीसदी अधिक था। पर कांग्रेस ने 20 सीटें खो दीं। भाजपा का वोट प्रतिशत 18.60 से बढ़ 21.58 फीसदी हो गया।
कांग्रेस को तीन बार बड़ा नुकसान
आपातकाल की वजह से 1977 में कांग्रेस को करीब 20, रामलहर के चलते 1990 में करीब 12.93 और 2003 में सत्ता विरोधी लहर के चलते करीब 9.3 फीसदी वोट का नुकसान हुआ।
वोट प्रतिशत से अधिक सीटों का नुकसान
1998 के चुनाव में भाजपा का वोट 1993 के मुकाबले भले ही 5 फीसदी कम हुए हो, लेकिन सीटों की संख्या 62 कम हो गई। इसी तरह 2103 के चुनाव में देखने को मिला। जबकि कांग्रेस का वोट महज 2.95 फीसदी कम हुआ, लेकिन सीटों की संख्या 71 घट गई। राजनीतिक जानकार इसके लिए बागी और त्रिकोणीय या बहुकोणीय मुकाबले को जिम्मेदार मानते हैं।
सत्ताधारी दल को कब कितनी सीट व वोट प्रतिशत
चुनाव वर्ष——मिली सीट—— मत फीसद—— सत्ताधारी दल

1951-52 ——82 ——39.46 ——कांग्रेस
1957—— 119—— 45.13 ——कांग्रेस
1962—— 88 ——39.98—— कांग्रेस
1967—— 89—— 41.42—— कांग्रेस
1972—— 145—— 51.13—— कांग्रेस
1977—— 152—— 50.39—— जनता पार्टी
1980—— 133—— 42.96—— कांग्रेस
1985—— 113—— 46.57—— कांग्रेस
*1990—— 85—— 25.25—— भाजपा
*1990—— 55 ——21.58—— जनता दल
1993—— 95 ——38.60—— भाजपा
1998—— 153—— 44.95—— कांग्रेस
2003—— 120—— 39.20—— भाजपा
2008—— 96—— 36.02—— कांग्रेस
2013—— 163—— 45.17—— भाजपा
*1990 में विधानसभा चुानाव में भाजपा व जनता दल ने गठबंधन कर उम्मीदवार उतारे थे। भाजपा को ं 25.25 व जनता दल को 21.58 फीसदी वोट मिले थे। हालांकि दोनों के कुल मत प्रतिशत 50 फीसदी से कम थे।
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