गौरतलब है कि राजस्थान में अगले वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा से मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर यही संसदीय बोर्ड किसी नाम पर मुहर लगाएगा। हालांकि राजस्थान से पहले इसी वर्ष के आखिर में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इस संसदीय बोर्ड की पहली ‘परीक्षा’ इन्हीं दो राज्यों के चुनाव रहेंगे।
कई वरिष्ठ नेता ‘दरकिनार’
राजस्थान से तीन वरिष्ठ नेता गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी केंद्र की मोदी सरकार में शामिल हैं। तो वहीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पार्टी में बतौर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की ज़िम्मेदारी संभाल रही हैं। इसी तरह से राजस्थान के कोटे से 24 सांसद लोकसभा में जबकि 4 सांसद राज्य सभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इन तमाम वरिष्ठ नेताओं में से किसी एक को भी संसदीय बोर्ड में जगह नहीं मिल पाई है।
हो सकती है ये ‘तकनीकी’ वजह!
दरअसल, संसदीय बोर्ड ही तय करता है कि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी किस नेता पर मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने पर दांव खेला जाएगा। राजस्थान में मुख्यमंत्री चेहरे के लिए कई दावेदार हैं। इस दौड़ के प्रमुख नामों में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के अलावा कई वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की चर्चा रहती है। हालांकि हर बार नेता ये कहते हुए इन अटकलों से कन्नी काट लेते हैं कि सीएम चेहरे पर फैसला संसदीय बोर्ड ही करेगा। ऐसे में माना जा सकता है कि राजे समेत राजस्थान के अन्य नेताओं को इन्हीं कारणों के चलते बोर्ड में शामिल नहीं किया गया है।
बीजेपी संसदीय बोर्ड की पूरी लिस्ट
जगत प्रकाश नड्डा (अध्यक्ष)
नरेंद्र मोदी
राजनाथ सिंह
अमित भाई शाह
बी. एस. येदयुरप्पा
सर्बानंद सोनोवाल
के. लक्ष्मण
इकबाल सिंह लालपुरा
सुधा यादव
सत्यनारायण जटिया
बी एल संतोष (सचिव)