जयपुर

राजस्थान में कितनी सीटें जीत रही है कांग्रेस? ‘पत्रिका’ के सवाल पर डोटासरा का आया ये जवाब

Rajasthan Lok Sabha Elections : प्रदेश में दूसरे चरण का लोकसभा चुनाव परवान पर है। भाजपा-कांग्रेस के नेताओं ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक रखी है। पहले चरण के बाद दूसरे चरण का प्रचार तीखा हो गया है। भाषणों में मुद्दे भी बदल गए हैं। इस बीच कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से इन सभी मामलों को लेकर सुनील सिंह सिसोदिया की विशेष बातचीत…

जयपुरApr 24, 2024 / 01:35 pm

Omprakash Dhaka

Patrika Interview Govind Singh Dotasara : प्रदेश में दूसरे चरण का लोकसभा चुनाव परवान पर है। भाजपा-कांग्रेस के नेताओं ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक रखी है। पहले चरण के बाद दूसरे चरण का प्रचार तीखा हो गया है। भाषणों में मुद्दे भी बदल गए हैं। इस बीच कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से इन सभी मामलों को लेकर सुनील सिंह सिसोदिया की विशेष बातचीत…
पत्रिका: भाजपा मोदी गारंटी पर चुनाव लड़ रही है, कांग्रेस के पास चुनाव का क्या विजन है?

डोटासरा: चाइना के सामान और मोदी की जुबान की कोई गारंटी नहीं है। अगर मोदी की गारंटी है तो जनता को फिर 15 लाख रुपए क्यों नहीं मिले, किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई और न हर साल 2 करोड़ रोजगार मिले। कालाधन भी नहीं आया व महंगाई भी कम नहीं हुई। कांग्रेस का विजन भारत की समृद्धि, एकता, समानता और न्याय का है। कांग्रेस की 25 गारंटी भारत का भाग्य बदल देंगी।
पत्रिका: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि कांग्रेस महिलाओं के मंगल सूत्र छीनना चाहती है ?

डोटासरा: मोदीजी मंगल सूत्र के मायने नहीं समझते! महिलाओं के सुहाग और समान पर सियासत करना शर्मनाक है। मोदी जी भूल गए। ये उनकी सरकार की नाकामी और मिसमैनेजमेंट ही था, जो कोरोना जैसी महामारी में मोदी सरकार ने जनता को मरने के लिए छोड़ दिया। जब मोदी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाएं देने से मुंह मोड़ लिया था तब देश में कई महिलाओं ने अपना मंगल सूत्र बेचकर अपने सुहाग की रक्षा की और उनकी जिंदगी बचाई।
पत्रिका: कांग्रेस को कितनी सीटों पर सीधे मुकाबले में आगे मान रहे हैं?

डोटासरा: भाजपा हैट्रिक का सपना भूल जाए, क्योंकि राजस्थान में इस बार आपको चौंकाने वाले परिणाम मिलेंगे। प्रदेश में हम भाजपा से ज्यादा सीटें जीतने जा रहे हैं, शेखावाटी से भाजपा पूरी तरह साफ हो रही है।
पत्रिका: कुछ नेताओं ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया, तो टिकट वापस भी किए। क्या उन्हें हार का डर था?

डोटासरा: कई बार प्रत्याशियों की निजी परिस्थितियां भी टिकट बदलने का कारण बनती हैं। पार्टी का लक्ष्य सिर्फ बेहतर और जिताऊ उमीदवार देना होता है। भाजपा में तो कई मौजूदा मंत्रियों और सांसदों ने चुनाव लड़ने से ही मना कर दिया, हार का डर इसे कहते हैं। भाजपा ने हमसे ज्यादा उमीदवारों के टिकट बदले हैं।
पत्रिका: कांग्रेस के बैंक खाते सीज हो गए? क्या चुनाव लड़ने में परेशानी आ रही है।

डोटासरा: कांग्रेस की ताकत धन नहीं, जन शक्ति है, लेकिन देश में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब सत्ता पक्ष भाजपा ने चुनाव के वक्त विपक्ष को कुचलने के लिए इस तरह का षड़्यंत्र रचा हो। कांग्रेस के खाते सीज़ करके आर्थिक तौर पर पंगु करने की कोशिश की गई।
पत्रिका: प्रदेश में बेरोजगारी और महंगाई आज क्या सबसे बड़ा मुद्दा है। यदि है तो कांग्रेस इस मुद्दे पर बोलने के बावजूद वोट में इसे पूरी तरह नहीं बदल पा रही, क्या वजह है?
डोटासरा: देश 45 साल की सबसे भयंकर बेरोजगारी के दौर से गुजर रहा है। महंगाई-बेरोजगारी को लेकर जनता को मोदी सरकार के जुमले याद हैं। अब चुनाव में जनता भाजपा को बख्शेगी नहीं। भाजपा ने वादा किया था कि पेट्रोल-डीजल के दाम हरियाणा-गुजरात के बराबर कर देंगे, क्या दाम बराबर हुए।
पत्रिका: क्या कांग्रेस में जो गुटबाजी थी वह अब खत्म हो चुकी है, यदि ऐसा है तो परिणामों में इस बार एकजुटता का असर दिखेगा।

डोटासरा: राजस्थान में कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है, एक जाजम पर है और सब मिलकर मज़बूती से चुनाव लड़ रहे हैं। फूट और गुटबाजी तो भाजपा में है। जहां मुख्यमंत्री को भी प्रचार में नहीं बुलाया जा रहा। भाजपा के कई चेहरे प्रचार में सिर्फ एक-एक लोकसभा सीट पर सिमट कर रह गए हैं। हमारे नेता पूरे प्रदेश में प्रचार कर रहे हैं।
पत्रिका: पहले चरण में करीब 6 फीसदी मतदान गिरा है। इसका चुनाव परिणाम पर असर होगा?

डोटासरा: भरोसा भाजपा का टूटा है, कांग्रेस का नहीं। ये मोदी के जुमलों का ही परिणाम है कि जनता का विश्वास कम हुआ है। भाजपा के झूठ से जनता का भरोसा उठ गया, कम मतदान भी इसी का सबूत है। प्रथम चरण के मतदान के बाद खुद प्रधानमंत्री चुनावी रैलियों में ‘‘गारंटी शब्द’’ को छोड़ चुके हैं। वे चुनाव को मुद्दों से भटका कर धर्म-जाति में बांटना चाहते हैं। लेकिन जनता जागरूक है।
पत्रिका: चुनाव आचार संहिता लागू होने और टिकट वितरण के बाद क्या कांग्रेस की स्थिति मजबूत हुई है?

डोटासरा: कांग्रेस मज़बूत थी, मज़बूत है और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ता की मज़बूती आपको 4 जून को परिणाम में दिखेगी।
पत्रिका: प्रदेश कांग्रेस के दो मंत्रियों के अलावा विधायक-पूर्व विधायक, पूर्व सांसद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए?

डोटासरा: जो गए हैं उनकी अपनी राजनीतिक मज़बूरियां रही होंगी।

बशीर बद्र ने कहा था, कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं कोई बेवफा नहीं होता,
मैं तो यही कहूंगा कि व्यक्ति का मान-समान उसके परिवार में होता है। परिवार छोड़कर जाने वालों के पीछे न तो जनता जाती है और न ही दूसरे दल में उन्हें वो समान मिलता है। धीरे-धीरे सबको लौटकर मूल परिवार में ही आना है। वैसे भी जिनके खून में कांग्रेस है वो इस मुश्किल वक्त में भी कांग्रेस की विचारधारा के साथ खड़े हैं। किसी के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता। भाजपा के कई नेता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में भी शामिल हुए हैं।
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