नासिक के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हर्षल नेहते ने मामला सामने आने के बाद जिले के ग्रामीण अस्पतालों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम ने पीड़ित के घर पहुंच कर परिवार के सभी सदस्यों और पड़ोसियों की जांच करना शुरू कर दिया है। लेकिन उनमें से किसी को भी लक्षण नहीं दिखे और जांच में सभी स्वस्थ मिले। इससे पहले पिछले माह नासिक शहर चार मरीज एच3एन2 फ्लू से संक्रमित पाए गए थे। उनका तुरंत इलाज किया गया जिसके बाद वो ठीक हो गए थे।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन अब न्यूनतम 1000 रुपए प्रतिमाह, राज्य सरकार पर आएगा 2222 करोड़ का अतिरिक्त भार
लक्ष्ण सामने आएं तो क्या करें
एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों को संक्रमण, इसके लक्षण और संभावित उपचार के बारे में सूचित कर दिया गया है। उन पर नजर रखी जा रही है और कहा गया है कि अगर वे आपस में किसी तरह के लक्षण पाते हैं तो डॉक्टरों की मदद लें और स्वास्थ्य विभाग को तुरंत सूचना दें। अधिकारी ने कहा कि लोगों को घबराना नहीं चाहिए, बल्कि सिरदर्द, खांसी, जुकाम, तेज बुखार आदि जैसे लक्षण मिलने पर डॉक्टर को दिखाएं और सावधानी बरतें और दवाएं लें, क्योंकि संक्रमण ठीक हो सकता है। हर एच3एन2 आमतौर पर एक घातक बीमारी का कारण नहीं बनता है, यह संक्रामक है और इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।
कांग्रेस ने किया सत्याग्रह: राहुल की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद शांतिपूर्ण विरोध
क्या है H3N2 वायरस
H3N2 के शुरुआती लक्षण सर्दी हो जाने के जैसे ही होते हैं। इसमें जुकाम, बुखार, और शरीर में अकड़न होती है। WHO के मुताबिक, मौसमी इन्फ्लूएंजा से संक्रमित होने पर बुखार, खांसी (आमतौर पर सूखी), सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकावट, गले में खराश और नाक बहना, तेज बुखार रहता है।व्यक्ति को यदि ऐसी कोई भी दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इस तरह की परेशानी में ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहना चाहिए।