वीडियो में प्रवासी आरोप लगा रहे हैं कि राजस्थान सरकार कुवैत में रह रहे राजस्थानियों के आने पर उन्हें क्वारंटीन करने की व्यवस्था नहीं कर पा रही, इससे राजस्थानियों को आने को नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को व्यवस्था करने की अनुमति दे दी है, लेकिन राज्य सरकार व्यवस्था नहीं कर पा रही है। प्रवासियों ने प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से उत्तरप्रदेश और दिल्ली की तर्ज पर राजस्थान के लिए फ्लाइट शुरू करने की गुहार की। इसके लिए क्वारंटीन का खर्च भी स्वयं वहन करने की बात कही। प्रवासियों का कहना है कि कुवैत में हालात विकट है। कई लोगों को वतन की मिट्टी नसीब नहीं हुई तो कई भुखमरी के हालात झेल रहे हैं।
वहीं कुवैत से बांसवाड़ा के सुंदनी गांव के राहुल पाटीदार ने बताया कि 3 महीने से सैकड़ों लोग फंसे हैं। बोडीगामा निवासी भूरालाल गवारिया ने बताया कि यहां बांसवाड़ा और डूंगरपुर ही नहीं खेरवाड़ा और उदयपुर के भी कई लोग वापसी की उम्मीद में बैठे हैं।
वहीं सऊदी अरब में फंसे एक कंपनी में कार्य करने वाले टोंक निवासी ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि मेरी पत्नी गर्भवती है लेकिन लॉकडाउन के कारण काम छिन गया। जो वेतन मिलता था मालिक ने वह भी नहीं दिया। जो जमा पूंजी थी अब वह भी खत्म होने को आ गई है। उनके जैसे ही शेखावाटी के साथ ही अजमेर, टोंक, नागौर आदि जिलों के 15 सौ से अधिक लोग वहां से यहां आने की राह देख रहे हैं। यह सभी वंदे भारत अभियान के तहत लौटना चाहते हैं। लेकिन समस्या यह है कि राजस्थान के लिए कोई फ्लाइट ही नहीं है। इनका कहना है कि यदि वे दिल्ली, मुंबई और चेन्नई उतरते हैं तो क्वॉरंटीन या आइसोलेशन में वहां रहना पड़ेगा। जिसका खर्च भी वे नहीं उठा सकते। अधिकतर लोग शेखावाटी के हैं। राजस्थान कम्युनिटी के अध्यक्ष गुलाम खान सोती ने बताया कि वे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के दफ्तर में बार-बार मेल भी कर चुके हैं।