कोटा. हाड़ौती अंचल में मानसून सक्रिय होने के बाद अब कोटा व बूंदी में दूसरे दिन सोमवार को झमाझम बारिश हुई। कोटा में सोमवार तड़के तेज बारिश हुई। इससे कई जगहों पर नाले बह निकले। उसके बाद दिनभर बादल छाए रहे। इससे उमस भरी गर्मी का असर रहा। जिले के इटावा क्षेत्र में लगातार 48 घंटों से बारिश हो रही है। चम्बल नदी के उफान पर आने से झरेल के बालाजी के पास रपट पर तीन फीट पानी पहुंच गया। इससे खातौली से सवाईमाधोपुर का सम्पर्क कट गया। इसके अलावा तेज बारिश से बंबूलिया से राजपुरा तक 25 फीट डामरीकरण सड़क बह गई। इससे राजपुरा, कीरपुरिया गांवों का रास्ता कट गया। मौसम विभाग के अनुसार, तड़के 5.30 से सुबह 8.30 बजे तक 40.4 एमएम बारिश दर्ज की गई। बीते 24 घंटे में 61.8 एमएम बारिश दर्ज की गई।
कोटा. संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जेके लोन के एनआईसीयू (नियोनेटल इंसेंटिव केयर यूनिट) में बीती रात बारिश के कारण पानी भर गया। रातभर तीमारदार परेशान होते रहे। सूचना पर सोमवार सुबह अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और संबंधित फर्म के ठेकेदार को सूचना की। वहां से सुबह 7-8 सफाई कर्मचारी अस्पताल पहुंचे और वार्ड में भरे पानी को निकाला।
अलवर. जिले में रविवार शाम से सोमवार दिन भर हुई बरसात खुशियां लेकर आई। इस बरसात से 1999 के बाद साहबी नदी में 8 मीटर पानी चला। जिले में सबसे अधिक बरसात सोड़ावास में 270 मिमी हुई है। यहां रात में ही 210 मिमी बरसात हुई जबकि सोमवार को दिन में चार बजे तक ही 60 मिमी बरसात हुई है। चौबीस घंटे में नीमराणा में 218, बहरोड़ में 210, बानसूर में 162 मिमी, मुंडावर में 154 मिमी बरसात हुई। इस बरसात से सबसे बड़ी खुशी अलवर वासियों को यह है कि 1999 के बाद सोमवार को साहबी नदी में पानी नहीं आया था जिसमें सोमवार की सुबह 8 मीटर पानी चलने लगा। रविवार शाम को बरसात को जो सिलसिला शुरु हुआ था, वो अब सोमवार की दोपहर बाद थमा है।
सवाईमाधोपुर. जिले में मानसून की पहली मूसलाधार बारिश हुई। जिले में बीते 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक बारिश पांचोलास में 240 मिलीमीटर दर्ज की गई। वहीं सवाईमाधोपुर मानटाउन क्षेत्र 180 व मलारना डूंगर क्षेत्र में 126 मिलीमीटर दर्ज की गई। वहीं जिले के कुशालीदर्रा में नाले में पानी का बहाव तेज होने के कारण कई लोग फंस गए। इसी प्रकार खण्डार के भैरूपुरा गांव में भी पानी घुसने से लोग फंस गए। जिन्हें सिविल डिफेंस की टीम ने सुरक्षित निकाला। वहीं रणथम्भौर रोड स्थित शेरपुर खिलचीपुर क्षेत्र के झरेटी के नाले में भी तेज बहाव के कारण दो लोग बह गए। हालांकि समय रहते लोगों ने उन्हें बचा लिया।
टोंक चिरगांव राष्ट्रीय राजमार्ग-552 पर कुशालीपुरा स्थित बरसाती नाले (खाळ) में तेज बहाव के साथ भारी पानी की आवक हुई। इससे नाले का पानी करीब 4 फीट ऊपर तक सड़क मार्ग पर आ गया। हाइवे पर तेज बहाव के साथ पानी की आवक से करीब 4 घंटे तक सड़क मार्ग बाधित रहा। दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। करीब साढ़े ग्यारह बजे जब बारिश थम सी गई और पानी का उतार हुआ तब कही जाकर यातायात सुचारू हो सका।
करौली के डांग इलाके में दो दिन से हुई बारिश से कुछ झरने भी बहने लगे हैं। सपोटरा उपखण्ड के डांग क्षेत्र के प्रसिद्ध चूहिया की झरना सोमवार को बहने लग गया। इसकी खबर पाकर क्षेत्र के लोग बारिश के मौसम का आनंद लेने को तथा पिकनिक मनाने के लिए इस स्थान पर पहुंचे। डांग क्षेत्र में ऐसे कई प्राकृतिक स्थान हैं जहां बारिश के दिनों में झरने चलते हैं और दूर-दूर से लोग पिकनिक मनाने के लिए पहुंचते हैं।