पूरी तरह से मानसून रहा मेहरबान
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में मानसून के दौरान 1 जून से 8 सितम्बर तक कुल 546.3 एमएम बारिश दर्ज की गई। जबकि सामान्य तौर पर 402.5 एमएम बारिश होती है। यह औसत से 36 प्रतिशत ज्यादा है। पश्चिमी राजस्थान में 427.9 एमएम बारिश हुई है। जबकि सामान्य बारिश 262.7 मिलीमीटर होती है। पश्चिम राजस्थान में 63 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है।
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मौसमी परिस्थितयां अनुकूल
जयपुर मौसम केन्द्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना अति कम दबाव का क्षेत्र आज तीव्र होकर डिप्रेशन में परिवर्तित हो चुका है तथा वर्तमान में यह उड़ीसा व छत्तीसगढ़ के आसपास के क्षेत्रों के ऊपर स्थित है। इस तंत्र के अगले 24 घंटों में पश्चिम उत्तर पश्चिम दिशा में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश की तरफ आगे बढ़ने तथा धीरे-धीरे कमजोर होने की संभावना है। आगामी 13, 14 व 15 सितंबर को असर उक्त जिलों में प्रभावी होगा। इस दौरान इन संभागों के अधिकतर भागों में हल्की से मध्यम बारिश व कहीं कहीं भारी बारिश होने की भी संभावना है।
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यहां भारी बारिश का अलर्ट
13 सितंबर को बांसवाड़ा, बारां,झालावाड़, कोटा,प्रतापगढ़ जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश का संभावना है।
14 सितंबर को बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़, सवाईमाधोपुर और टोंक जिले में भारी बारिश होने की संभावना है।
15 सितंबर को बांसवाड़ा,बारां,भरतपुर, बूंदी, धौलपुर, झालावाड़, करौली, कोटा, सवाईमाधोपुर, टोंक और उदयपुर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।