किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने कहा है कि कृषि अध्याधेश से जुड़े कई पहलू किसान विरोधी हैं। ऐसे में इसका संसद से पारित होना दुर्भाग्यपूर्ण है। किसानों ने तय किया है कि वे किसान विरोधी इस अध्यादेश के ख़िलाफ़ संघर्ष करेंगे। प्रदेश के जिन 25 सांसदों ने किसान विरोधी बिल का समर्थन किया है, उनका सार्वजनिक रूप से बहिष्कार किया जाएगा। उन्हें गांवों में घुसने नहीं देने का अभियान चलाया जाएगा।
विरोध जता रहे किसानों का कहना है कि कृषि अध्यादेश तीन महीने पहले भी लागू हुए थे, जिसमें कहा गया था कि इन अध्यादेशों के बाद बने कानून से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊपर दाम मिलेंगे। पर यहां तो एसएसपी से 900 रूपए प्रति क्विंटल कम मिल रहे हैं।
राज्य सरकार करे बहिष्कार
किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने राज्य की गहलोत सरकार से केंद्र सरकार के किसान विरोधी अध्याधेश का बहिष्कार करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह से राज्य सरकार ने सीएए और एनआरसी का विरोध कर क़ानून को प्रदेश में लागू नहीं होने दिया, ठीक उसी तर्ज़ पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इन अध्याधेशों के खिलाफ भी संकल्प पारित हो।