सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जेएनयू को कुछ समय के लिए बंद करने और ‘जेहादी’ तथा ‘नक्सली’ प्रवृत्ति के छात्रों को तुरंत निष्कासित करने की मांग की है।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में राष्ट्रविरोधी नारों को लेकर उठे विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस विश्वविद्यालय को कुछ समय के लिए बंद करने और ‘जेहादी’ तथा ‘नक्सली’ प्रवृत्ति के छात्रों को तुरंत निष्कासित करने की मांग की है।
स्वामी ने सोमवार को एक वक्तव्य में कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय को जेएनयू को इस वर्ष की परीक्षाओं के बाद चार महीने के लिए पूरी तरह बंद कर देना चाहिए। स्वामी ने कहा कि सरकार को जेएनयू के छात्रावासों में रह रहे छात्रों से लिखित में यह हलफनामा लेना चाहिए कि वे देश के संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं और जो छात्र ऐसा न करे उसे बाहर निकाल देना चाहिए।
उन्होंने कहा,’जिनका रिकॉर्ड जेहादी, नक्सली और लिट्टे आतंकवादी का है उन्हें विश्वविद्यालय से निष्कासित कर देना चाहिए। जो छात्र छह साल से स्नातक कक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाए हैं और जो तीन वर्ष में स्नातकोत्तर डिग्री नहीं ले पाए हैं, उन्हें भी निष्कासित कर दिया जाना चाहिए।’ भाजपा नेता ने कहा कि जेएनयू शत प्रतिशत सरकार द्वारा वित्त पोषित है, इसलिए यह संसद और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के प्रति जवाबदेह है।
स्वामी ने कहा, ‘सभी छात्रों को यह समझाया जाना चाहिए कि लोकतंत्र में शैक्षणिक आजादी पर भी अन्य तरह की स्वतंत्रता की तरह ही तर्कसंगत पाबंदियां हैं और निर्वाचित सरकार को इन पाबंदियों को लागू करने का अधिकार है। उल्लेखनीय है कि स्वामी इससे पहले जेएनयू का नाम बदलकर नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नाम पर रखने की मांग कर चुके हैं।’