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पुराने मंत्रियों के कक्षों से हटाई नेम प्लेट, राजस्थान में CM के साथ-साथ नए मंत्रिमंडल के गठन का है इंतज़ार

locationजयपुरPublished: Dec 13, 2018 03:56:05 pm

Submitted by:

rohit sharma

पुराने मंत्रियों के कक्षों से हटाई नेम प्लेट, राजस्थान में CM के साथ-साथ नए मंत्रिमंडल के गठन का है इंतज़ार

जयपुर।

कांग्रेस में जहां मुख्यमंत्री के पद को लेकर कवायद चल रही है वहीं सचिवालय और सचिवालय में ही मंत्रालय भवन में नए मंत्रियों के लिए कक्ष आंवटित करने की प्रक्रिया कार्मिक विभाग ने शुरू कर दी है। गुरुवार को मंत्रालयिक भवन और सचिवालय में मंत्रियों के कक्षों से पुराने मंत्रियों की नेम प्लेट हटा दी गई।
अब जैसे ही नए मंत्रिमंडल के गठन के तत्काल बाद ही कक्षों पर नई नेम प्लेट लगा दी जाएगी। वहीं अब इन कक्षों को नए मंत्रिमंडल के गठन तक बंद कर दिया है। नए मंत्रियों की इच्छा के अनुरूप ही इन कमरों में कोई बदलाव होगा। कार्मिक विभाग के अधिकारियों के अनुसार ज्यादातर मंत्री कमरे अलॉट होने के बाद फर्नीचर बदलवाते हैं और कमरे की साज सज्जा करवाते हैं।
सचिवालय में मंत्रियों के बैठने की दो जगह व्यवस्था है। केबिनेट स्तर के मंत्रियों को सचिवालय के मुख्य भवन में कमरे आवंटित किए जाते हैं वहीं राज्यमंत्रियों के लिए मंत्रालयकि भवन में कमरे आवंटित किए जाते हैं। कुछ केबिनेट मंत्री अपनी इच्छा से मंत्रालयकि भवन में भी कमरे आवंटित करवाते हैं। इस बार मंत्रालयकि भवन को पूरी तरह से एयर कूल्ड कर दिया गया है।
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किसी सरकार में मंत्री बनने का वैसे तो तयशुदा फार्मूला नहीं लेकिन कुछ मापदंड जरूर देखे जाते है जैसे
1. जातीय समीकरण
2. क्षेत्रीय समीकरण
3. पार्टी या विधानसभा में वरिष्ठता
4. किसी विषय विशेष की जानकारी
5. मुख्यमंत्री की पंसद
6. खुद नेता का कद कितना बड़ा है।


आइए हम बताते है किन चेहरों को मिल सकता है राजस्थान के अगले मंत्री का मौका
ये हो सकते है कैबिनेट मंत्री

बीडी कल्ला
पहले, शिक्षा व नगरीय विकास मंत्री रह चुके हैं
बीकानेर के कद्दावर नेता

नरेंद्र बुडानिया
प्रमुख जाट नेता, राज्यसभा सदस्य, सांसद दोनों रह चुके हैं


मास्टर भंवरलाल
कांग्रेस का दलित चेहरा
पहले शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं
विजेंद्र ओला
तीसरी बार बने विधायक
जाट नेता शीशराम ओला के बेटे

डॉ जीतेन्द्र सिंह
उर्जा मंत्री रहते पावर प्रोडक्शन में आत्मनिर्भर बनाया था
एमबीबीएस डॉक्टर है

लालचंद कटारिया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
केन्द्र में मंत्री रह चुके है
महेश जोशी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
सांसद रह चुके है

विश्वेन्द्र सिंह
भरतपुर राजघराने से संबंध रखते है
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता

परसादी लाल मीणा
सहकारिता मंत्री रह चुके है

हेमराम चौधरी
मारवाड़ क्षेत्र के प्रमुख जाट नेता के रूप चर्चित

महेंद्र मालवीय
कांग्रेस के प्रमुख आदिवासी चेहरा

सीपी जोशी
कांग्रेस के कद्दावर नेता

केन्द्र में मंत्री, प्रदेश की कांग्रेस सरकारों में कई महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल चुके है।

शांति धारीवाल
कांग्रेस के कद्दावर नेता
गहलोत सरकार में सेकेंड मैन की भूमिका निभा चुके है।
भरतसिंह
पंचायत राज मंत्री रह चुके है

प्रमोद जैन भाया
पूर्व मंत्री
हाड़ौत में कांग्रेस के दिग्गज नेता


ये बन सकते है राज्यमंत्री

गुरमीत कुन्नर
– गंगानगर के कद्दावर किसान नेता
– राजनीति का लंबा अनुभव
महादेव खंडेला
– केंद्र में पहले भी मंत्री रहे
– अशोक गहलोत के करीबी

अमीन कागजी या मो.रफीक
– अल्पसंख्यक नेता
– 1952 के बाद राजधानी से पहली बार जीते

शकुंतला रावत (बानसूर)
– विधानसभा में लगातार सक्रिय
– महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी रहीं
– अलवर कांग्रेस में प्रभावी चेहरा
गिरिराज मलिंगा (बाड़ी-धौलपुर)
– कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे
– इलाके में अच्छी पकड़


रामकेश मीणा
– बागी जीत कर आए
– गहलोत के करीबी भी हैं


रमेशचंद मीणा (सपोटरा)
– विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता रहे
– विपक्षी विधायक के रूप में तेवर
– किरोड़ी की पत्नी गोलमा को हराया
महेंद्र चौधरी (नावां)
– दूसरी बार विधायक
– युवा कोटे से गहलोत की पहली पसंद

अमीन खां (शिव)
– कांग्रेस के पुराने दिग्गज
– पहले भी मंत्री रह चुके हैं

सुखराम बिश्नोई (सांचोर)
– जातिगत समीकरणों में फिट
– लगातार दूसरी बार विधायक, 2013इ में मोदी लहर में भी जीते थे
भरत सिंह
– वरिष्ठ कांग्रेस नेता
– केबिनेट मंत्री भी रहे
– ईमानदार छवि के कारण जाने जाते हैं

प्रमोद जैन भाया
– गहलोत सरकार में PWD मंत्री रहे
– हाड़ोती में राजा के खिलाफ कांग्रेस का बड़ा चेहरा
दयाराम परमार (खेरवाड़ा-उदयपुर)
– मेवाड़ के वरिष्ठ अनुभवी नेता
– क्षेत्रीय संतुलन के हिसाब से मिल सकता है मौका

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