प्रदेश नए जिले और नए संभागों की समीक्षा के लिए पूर्व आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने शुक्रवार को प्रमुख राजस्व सचिव दिनेश कुमार को रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट पर डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में बनी कैबिनेट सब कमेटी में चर्चा की जाएगी। बैठक 2 सितम्बर को 3 बजे होने वाली है।
संभावना है कि भजनलाल सरकार कुछ छोटे जिलों को अन्य जिलों मर्जर कर सकती है। साथ ही जयपुर-जोधपुर के विभाजन को भी रद्द कर सकती है। पंवार कमेटी ने नए जिलों व संभागों के क्षेत्राधिकार, संचालन, प्रशासनिक आवश्यकता एवं वित्तीय संसाधनों से जुड़े पहलुओं पर विचार किया है।
क्यों बनानी पड़ी कैबिनेट सब कमेटी?
पूर्ववर्ती सरकार ने पिछले साल जयपुर और जोधपुर जिलों के विभाजन सहित कुल 19 जिलों का गठन किया था, जिससे
राजस्थान में जिलों की कुल संख्या 50 हो गई थी। नए जिलों का गठन भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी रामलुभाया की सिफारिश पर किया गया था। भजनलाल सरकार ने इन जिलों की समीक्षा के लिए डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के नेतृत्व में कैबिनेट सब कमेटी गठित की। जिसकी मदद के लिए एक जुलाई को पूर्व आईएएस पंवार के नेतृत्व में उच्च स्तरीय विशेषज्ञ कमेटी बनाई गई थी।
इन जिलों पर हो सकता है फैसला
कुछ नए जिलों का आकार छोटा है। ऐसे में नजदीकी जिले के अन्य हिस्सों को जोड़कर मर्जर किया जा सकता है। छोटे जिलों में दूदू, खैरथल तिजारा, केकड़ी, सलूम्बर, सांचौर और शाहपुरा का नाम शामिल है। इसके अलावा डीग, गंगापुर सिटी, कोटपूतली-बहरोड़, नीमकाथाना, अनूपगढ़ और फलोदी को लेकर भी निर्णय लिया जा सकता है। वहीं, जयपुर और जोधपुर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को अलग-अलग जिलों में बांटने पर भी विवाद है। जिस पर भी बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
पिछले साल बनाए गए थे ये नए जिले
राजस्थान में पहले 33 जिले थे। लेकिन, पिछले साल 19 नए जिले बनाए गए थे। जिनमें जयपुर और जोधपुर को दो भागों में बांटा गया था। इस कारण कुल जिलों की संख्या 50 है। पिछले साल अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, दूदू, फलौदी, गंगापुर सिटी, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर शहर, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, नीमकाथाना, सलूम्बर, सांचौर, शाहपुरा (भीलवाड़ा) को नया जिला बनाया गया था।
ये नहीं बन पाए थे जिले
गहलोत राज में मालपुरा, सुजानगढ़ और कुचामनसिटी को 6 अक्टूबर 23 को जिला बनाने की घोषणा की गई थी। 7 अक्टूबर को इनके गठन को कैबिनेट ने मंजूरी दी, लेकिन इनके जिला बनने की अधिसूचना जारी नहीं हो पाई थी। ऐसे में ये जिले नहीं बन पाए थे।