राजस्थान के छात्र कैसे बनेंगे डॉक्टर? नए मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्था बदहाल! ‘न क्लासरूम-न स्टाफ’
राजस्थान में नए मेडिकल कॉलेजों में इलाज और पढ़ाने के पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण सीनियर और नए दोनों ही चिकित्सक शिक्षक नहीं जाना चाहते। राजस्थान पत्रिका ने प्रदेश में खुले नए कॉलेजों की जमीनी पड़ताल की तो यह हालात सामने आए।
विकास जैन। राजस्थान में कई दशक से चल रहे पुराने सरकारी मेडिकल कॉलेजों का दबाव कम करने और अधिक डॉक्टर तैयार करने के लिए एक दशक में 15 से अधिक नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जा चुके हैं। लेकिन आज भी अधिकांश कॉलेज क्लासरूम, स्टाफ और आधी अधूरी फैकल्टी की समस्या से जूझ रहे हैं। हालात यह है कि अधिकांश नए कॉलेजों में 50 से 70 प्रतिशत तक चिकित्सक शिक्षकों का अभाव है।
इन कॉलेजों में इलाज और पढ़ाने के पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण सीनियर और नए दोनों ही चिकित्सक शिक्षक नहीं जाना चाहते। कई साल पुराने नए कॉलेजों में भी पढ़ाने के लिए देहदान के जरिये शव नहीं आ रहे हैं। ऐसे मैं दूसरे शहरों से शव मंगवाकर शरीर रचना का ज्ञान मेडिकल स्टूडेंट्स को करवाया जा रहा है राजस्थान पत्रिका ने प्रदेश में खुले नए कॉलेजों की जमीनी पड़ताल की तो यह हालात सामने आए।
एसएमएस का विकल्प नहीं बना आरयूएचएस
करीब एक दशक बाद भी यह अस्पताल जयपुर के सवाईमानसिंह अस्पताल का विकल्प नहीं बन पाया है भाजपा सरकार बनने के बाद 16 चिकित्सक शिक्षकों को एसएमएस अस्पताल से यहां भेजा गया लेकिन संबंधित विभागों में इलाज के पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण इनमें से अधिकांश कुछ समय बाद ही कोर्ट के आदेशों से वापस एसएमएस चले गए। अस्पताल में सभी तरह की सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सुविधाएं आज तक विकसित नहीं हो पाई।
भरतपुर: 50 प्रतिशत से ज्यादा पद रिक्त
क्लास रूम स्टाफ और फैकल्टी पूरी नहीं है। इसके लिए जगन्माय पहाड़िया मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (राजमैस) को पत्र लिखा है पैरामेडिकल के 221 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 128 पद भरे हुए हैं। 93 रिक्त है। फैकल्टी के 261 पद स्वीकृत है जिनमें से 126 पद रिक्त है।
अजमेर: पुराने भवन में कमरे कम
जेएलएन मेडिकल कॉलेज में एनएमसी की गाइडलाइन अनुसार देहदान से प्राप्त कम हैं। वर्तमान पुराने भवन में क्लासरूम कम है। मेलोडी हॉल में भी कक्षाएं लगानी पड़ती है। नया भवन निर्माणाधीन है। फैकल्टी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद रिक्त है।
सिरोही : उदयपुर से मंगवा रहे शव
मेडिकल कॉलेज में अभी तक किसी ने देहवान नहीं किया, लेकिन यहां उदयपुर से शव मंगवाया गया है और उसी से शिक्षण कार्य करवाया जा रहा है। वर्ष 2022 में कॉलेज शुरू हुआ था। क्लास रूम व स्टाफ पूरा है, लेकिन पढ़ाने के लिए फैकल्टी नहीं है।