मामला अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र सिंह को सौंपा गया। एएसपी सुरेन्द्र सिंह की टीम ने 19 मार्च को ही आरोपी के रिश्वत मांगने का सत्यापन किया। उस दिन आरोपी परिवार सहित गंगटोक घूमने गया था। आरोपी रविवार को वापस लौटा था। परिवादी ने मंगलवार को आरोपी से बात की तो उसने दो लाख रुपए में सौदा तय किया। अग्रिम 1.50 लाख रुपए मांगे और काम हो जाने के चार-पांच दिन बाद शेष 50 हजार रुपए देना तय किया। परिवादी ने दोपहर बाद विश्वकर्मा स्थित खुद के ऑफिस पहुंचने की जानकारी दी, तब आरोपी भी दोपहर बाद परिवादी के ऑफिस पहुंच गया।
यह भी पढ़ें :
90 हजार डमी नोट की व्यवस्था की परिवादी के पास मंगलवार को 60 हजार रुपए ही थे। आरोपी दीपक के आने से कुछ घंटे पहले एसीबी टीम को इसकी जानकारी दी। एसीबी टीम ने हाथों हाथ 90 हजार रुपए के डमी नोट की व्यवस्था की। आरोपी विश्वकर्मा परिवादी के ऑफिस पहुंचा, तब उसे 90 हजार के डमी नोट सहित डेढ़ लाख रुपए दिलवाए। आरोपी ने रुपए लिए, तभी उसे गिरफ्तार कर लिया।