इन दोषी सरकारी मुलाजिमों को जब नोटिस जारी किए गए तो इन्होंने अलग-अलग बहाने बनाकर जवाब दिए। किसी ने बताया कि उनके रिश्तेदार ने यह राशन उठाया है, उन्हें मालूम नहीं तो किसी ने कुछ और बहाना किया। इसके बाद विभाग ने 27 रुपए किलो के हिसाब से रिकवरी की। 6 जून तक विभाग की ओर से 81 करोड़ 84 लाख 10 हजार 420 रुपए की वसूली की जा चुकी है।
चार जिलों में सबसे ज्यादा घपला
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंर्तगत सभी जिलो में घपला सामने आया है। प्रदेश के सभी जिलों में सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों के राशन उठाने का मामला सामने आया है। लेकिन सबसे ज्यादा चार जिलों में सरकारी मुलाजिमों ने राशन उठाया है। इनमें दौसा में 7 हजार 702, जयपुर में 6 हजार 557, बांसवाड़ा में 6 हजार 147, उदयपुर में 5 हजार 267 सरकारी मुलाजिमों ने सस्ता राशन खाया।
15 जिलों में 90 फीसदी से ज्यादा रिकवरी हुई
एनएफएसए में बड़ा घपला सामने आने के बाद खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग हरकत में आया। विभाग ने दोषी कर्मचारियों के नाम लिस्टेड किए। इसके बाद इनसे वसूली की जा रहीं है। 6 जून तक की रिपोर्ट के आधार पर 79.36 फीसदी वसूली की जा चुकी है। इसमें करौली में 100 फीसदी, टोंक में 98.47, अजमेर प्रथम में 96.88, अजमेर द्धित्तिय में 97.03, भीलवाड़ा में 96.16, श्रीगंगानगर में 96.08, नागौर में 95.61, हनुमानगढ़ में 95.23, उदयपुर में 94.78, प्रतापगढ़ में 94.55, पाली में 94.31, राजसमंद में 93.59, चित्तौड़गढ़ में 92.44, भरतपुर में 91.31 फीसदी वसूली की जा चुकी है। इस आधार पर 15 जिलों में दोषी सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों से 90 फीसदी से ज्यादा रिकवरी की चुकी है।
2 रुपए किलों खाया, 27 रुपए के हिसाब से वसूली
इन दोषी सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों ने दो रुपए किलों के हिसाब से गेंहू खरीदा था। जिसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में खरीदा गया था। जिसके लाभ की श्रेणी में सरकारी कर्मचारी-अधिकारी नहीं आते है। अब इन दोषी सरकारी मुलाजिमों को 27 रुपए किलों के हिसाब से चुकाना पड़ रहा है।