अगर सब कुछ ठीक रहता है तो शीघ्र ही प्रदेश के 23 जिला चिकित्सालयों में प्रतिदिन 100 मेडिकल ऑक्सीजन सिलेडर उपलब्ध होंगे। जिससे ऑक्सीजन संकट से जूझने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचाई जा सकेगी।
इस तरह मिलेंगे प्रतिदिन 100 सिलेंडर जानकारी के अनुसार अभी 23 जिलों में 35 ऑक्सीजन सिलेंडर प्रतिदिन उत्पादन क्षमता के प्लांट स्थापित कर दिए हैं। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के बाद सामने आए ऑक्सीजन संकट को देखते हुए सरकार ने इन प्लांट की क्षमता बढ़ाने की तैयारी की है। अब मौजूदा प्लांट के साथ ही 65 ऑक्सीजन सिलेंडर प्रतिदिन उत्पादन की क्षमता के प्लांट भी स्थापित करने के लिए वर्क आर्डर जारी कर दिए गए हैं। काम पूरा होने के बाद इन अस्पतालों में प्रतिदिन ऑक्सीजन के 100 सिलेंडर मरीजों के लिए उपलब्ध होंगे।
केन्द्र पर घटेगी ऑक्सीजन के लिए निर्भरता अभी ऑक्सीजन आवंटन को लेकर राज्य और केन्द्र सरकार में आए दिन टकराव हो रहा है। वहीं आवंटन हो जाए तो उसके परिवहन पर भी संकट है। ऐसे में अगर से अतिरिक्त प्लांट शुरू हो जाते हैं तो फिर ऑक्सीजन के लिए केन्द्र पर निर्भरता पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना मरीजों को संजीवनी अभी प्रदेश में 18 उप जिला चिकित्सालया हैं। इनमें से 7 उप जिला चिकित्सालयों मेें 24 ऑक्सीजन सिलेंडर उत्पादन की क्षमता के प्लांट हैं। कोरोना की दूसरी लहर में ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना मरीजों की संख्या बढ रही है। लिहाजा सरकार ने केन्द्र सरकार को शेष बचे 12 उप जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट की स्थापना के लिए डिमांड भेजी है।
पीएम केयर फंड से स्थापित नहीं हो सके चार प्लांट केन्द्र सरकार ने जनवरी में पीएम केयर फंड से राज्य के जयपुर में 2500,अलवर में 600,बीकानेर में 1200 और जोधपुर में 3200 लीटर प्रति मिनिट ऑक्सीजन उत्पादन के कंसंस्ट्रेटर स्वीकृत किए थे। लेकिन तीन महीने बाद भी इनमें से किसी भी जिले में से कंसट्रेटर स्थापित नहीं हो सके। अलवर में प्लांट तैयार है लेकिन इसका इंटॉल होना बाकी है। जबकि जयपुर,बीकानेर और जोधपुर में काम तक शुरू नहीं हुआ है। प्लांट स्थापित करने की टैंडर प्रक्रिया केन्द्र सरकार ही पूरी कर रही है। राज्य के स्तर पर सिविल और इलेक्टिल वर्क ही किए जाने हैं।
इस जनवरी में पीएम केयर फंड से जयपुर में 2500, अलवर में 600, बीकानेर में 1200 और जोधपुर में 3200 लीटर प्रति मिनिट ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगने थे। अलवर में प्लांट तैयार है ए लेकिन इंस्टॉल नहीं हुआ। जयपुर में 2500 लीटर प्रति मिनट क्षमता का प्लांट अभी तक नहीं लगा। बीकानेर में 1200 एलपीएम प्लांट का सिविल और इलेक्ट्रिकल वर्क हो चुका है, लेकिन इंस्टॉल नहीं हुआ। ऐसे ही जोधपुर में भी शुरु नहीं हो पाया है।