सभी राजनीतिक दलों ने अपने वरिष्ठ नेताओं को प्रचार अभियान में झोंक रखा है। ये नेता हर दिन दर्जनों गांवों-ढाणियों तक पहुंचकर सभाएं कर रहे हैं। जिला परिषद् और पंचायत समिति सदस्यों के पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में ज़बरदस्त तरीके से माहौल बनाया जा रहा है। पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में वोट की अपील के सतह ही कई वादे और दावे भी किये जा रहे हैं।
चुनावी जनसभाओं में राजनीतिक दलों के नेता अपने प्रतिद्वंदी पार्टियों के खिलाफ जमकर आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस जहां भाजपा की केंद्र सरकार और पूर्ववर्ती राज्य सरकार की योजनाओं में कमियां निकाल रही है तो वहीं, भाजपा राज्य में सरकार के फैसलों और योजनाओं को जनहित विरोधी करार देते हुए आरोप लगा रही है। इन सभाओं में नेता खुद की पार्टी को जन हितैषी बताकर कई वादे कर रहे हैं।
कांग्रेस-भाजपा के अलावा अन्य राजनीतिक दलों ने भी पंचायत चुनाव में अपनी पूरी ताकत आजमा रखी है। रालोपा-बसपा और बीटीपी पार्टियों के नेता भी जनसभाओं में पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में वोट अपील कर रहे हैं। वहीं चुनाव मैदान में उतरे निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी जोर-आज़माइश में कोई कसार नहीं छोड़ रहे हैं।