निकटतम प्रतिस्पर्धी से 36 प्रतिशत अधिक
विश्वसनीय खबरों और दमदार कवरेज के दम पर राजस्थान पत्रिका ने अपने प्रतिस्पर्धी अखबार पर 21 लाख 17 हजार पाठक संख्या की भारी बढ़त हासिल की। यह प्रतिस्पर्धी अखबार से 36 प्रतिशत अधिक है। इतना ही नहीं राजस्थान पत्रिका की औसत दैनिक पाठक संख्या प्रदेश भर में पढ़े जाने वाले सभी हिंदी दैनिक समाचार पत्रों की औसत दैनिक पाठक संख्या के जोड से भी 10 लाख 41 हजार अधिक है। आइआरएस का यह सर्वेक्षण भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे आधुनिक पाठक सर्वेक्षण है।
काला कानून के खिलाफ दमदार महाभियान
अपनी धारदार और निष्पक्ष पत्रकारिता के रूप में राजस्थान पत्रिका की धाक जनमानस के बीच और बढी है। राजस्थान में सरकार जिस तरह से भ्रष्ट राजनेताओं व नौकरशाहों को बचाने के लिए काला कानून लेकर आई उसके खिलाफ भी पत्रिका के रुख को पाठकों ने अपार समर्थन दिया है। इसके लिए पत्रिका ने न तो विज्ञापनों की परवाह की और न ही अन्य प्रलोभनों की। इसी के परिणामस्वरूप राजस्थान में पत्रिका के आसपास कोसों तक कोई प्रतिस्पर्धी नहीं है।