जयपुर
प्रदेश में हर दिन सरकारी लापरवाही के कई मामले सामने आते हैं। पड़ताल करने पर अधिकतर मामले ऐसे निकलते हैं, जो जिम्मेदारों द्वारा जानबूझकर अंजाम दिए जाते हैं। ऐसा ही एक मामला बुधवार को अलवर में देखने को मिला जहां एक जलाशय को साफ रखने के लिए दूसरे को गंदगी से भरा जा रहा है। दूसरी ओर राज्य में पेयजल संकट दिनों दिन गहराता दिख रहा है। जिससे आमजन को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। देखें प्रदेशभर की कुछ खास तस्वीरें..
नगर परिषद की अंधेरगर्दी
अलवर
शहर में बुधवार को सागर जलाशय में गणगौर विसर्जन के दौरान आए कचरे को नगर परिषद कर्मचारी ट्रैक्टर के द्वारा सिलीसेढ़ झील में डालने पहुंचे। इस संबंध में जब कर्मचारियों से सवाल किया गया तो बोले कि उच्च अधिकारियों द्वारा इस कचरे को सिलीसेढ़ झील में डालने के आदेश हुए हैं।
ऐसे में पहले से ही पानी की अवैध निकासी के चलते अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे जिले के सबसे अच्छे पर्यटन स्थल के भविष्य में क्या हालात होंगे यह तो समय ही बताएगा।
फोटो- नरेश लवानियां
पानी के इंतेजार में..
अलवर
जिले में गर्मी की शुरुआत होते ही पेयजल संकट गहराने लगा है। हालात यह हैं कि कई जगह तो पेयजल कुछ मिनटों के लिए ही आ रहा है। शहर के मन्नाका रोड पर सरकारी टंकी पर पानी भरने के इंतेजार में खड़े लोग।
मां की ममता और ड्यूटी एक साथ
डूंगरपुर.
शहर में बुधवार को संभागीय आयुक्त भवानीसिंह देथा और आईजी प्रफुल्ल कुमार मौजूद थे। लिहाजा कई पुलिस कर्मचारियों की भी कलेक्ट्रेट परिसर में कानून व्यवस्था के तहत ड्यूटी लगी हुई थी। इस दौरान दो महिला कांस्टेबल की भी ड्यूटी थी, लेकिन उसकी परेशानी यह थी कि उनके बच्चे को घर पर संभालने वाला कोई नहीं था। इस कारण दोनों ड्यूटी पर अपने बच्चों को लेकर आई थीं। जब पत्रिका ने इनसे बात की तो उनका कहना था कि ड्यूटी निभाना हमारी जिम्मेदारी है साथ ही बच्चों को संभालना भी। एक ओर मां की ममता अपने बच्चे से दूर नहीं रह सकती है तो दूसरी ओर ड्यूटी भी जरूरी है।
ईवीएम व वीवीपेट को समझते वरिष्ठ नागरिक
बीकानेर
बात चुनावी सरगर्मियों की हो तो इनदिनों निर्वाचन विभाग काफी सक्रिय नजर आ रहा है। जगह- जगह लोगों को मतदान और इससे संबंधित सिस्टम के प्रति जागरूक किया जा रहा है। बुधवार को अम्बेडकर सर्किल के पास वरिष्ठ नागरिकों की मतदाता जागरूकता रैली से पूर्व ईवीएम व वीवीपेट की कार्य प्रणाली को समझते वरिष्ठ नागरिक।
फोटो- नौशाद अली
कूलर की घास हो रही तैयार
बाँसवाड़ा
गर्मी के तेवर तीखे होने के साथ ही बाजारों में कूलर पंखों की मांग भी बढ़ गई है। बाजारों में गर्मी से बचाव के उपकरणों की खरीदारी के नजारे देखे जा सकते हैं। शहर में कूलर की घास तैयार करने का काम भी विशेष तौर पर हो रहा है। यह घास गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान के विभिन्न शहरों में बिक्री के लिए जा रही है। शहर के नबीपुरा इलाके में कूलर घास तैयार करते कारीगर।
फोटो- दिनेश तम्बोली