जयपुर
प्रदेशभर की खास PHOTOS में देखें मौसम का बदला मिजाज, पानी में मतदान का संकल्प, चुनावी सरगर्मियां, पानी की किल्ल्त और हल अमावस्या की परंपरा के नजारे..
दिनभर बदलता रहा मौसम का मिजाज...
झालावाड़
जिले में शुक्रवार को दिनभर मौसम बदलता रहा। इस दौरान बादल छाए रहे, जिससे तेज धूप से लोगों को राहत मिली। बादलों का दौर देर शाम तक जारी रहा। शहर के अस्पताल चौराहे पर शाम सवा सात बजे आसमां में छाए हुए बादल।
फोटो- जितेंद्र जैकी
आंधी से फटे होर्डिंग के फ्लेक्स
अलवर
अलवर में भी गुरुवार देर रात तेज आंधी आई जिससे होर्डिंग के फ्लेक्स फट गए। इस दौरान बाबू शोभाराम कला महाविद्यालय में पोलिंग पार्टी के लिए लगाए गए टेंट भी तेज आंधी से जमीन पर आ गिरे।
शाम को चली तेज धूलभरी आंधी
बूंदी
जिले में शुक्रवार शाम को तेज धूलभरी आंधी चली। इस दौरान लोगों को खासकर वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। धूल के आगोश में ढंके गढ़ पैलेस का नजारा।
फोटो- पंकज जोशी
पानी में मतदान का संकल्प
धौलपुर
मतदाता जागरूकता के तहत जिले में चलाये जा रहे सतरंगी सप्ताह कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार को मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। दौड़ के समापन पर पवित्र मचकुंड सरोवर के पानी में खड़े होकर मतदान प्रतिशत बढ़ाने का संकल्प लेते लोग।
फोटो- नरेश लवानियां
रोड शो में फिल्म अभिनेत्री अमिषा पटेल
चूरू
रतनगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में शुक्रवार को आयोजित रोड शो में बॉलीवुड की फिल्म अभिनेत्री अमिषा पटेल भी शामिल हुईं। इस दौरान जनसैलाब उमड़ पड़ा। जनता का हाथ हिलाकर अभिवादन करतीं अमिषा पटेल।
माकपा ने चुनावी सभा के बाद निकाला रोड शो
सीकर
रामलीला मैदान में आयोजित माकपा की चुनावी सभा के बाद शहर के प्रमुख मार्गो से रोड शो निकाला गया। रामलीला मैदान से शुरू हुआ रोड शो पार्टी के कार्यालय तक गया। रोड शो में माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली, गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी, फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर, प्रोफेसर वासुदेव शर्मा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
पानी की किल्लत
चित्तौड़गढ़
विनायका पंचायत के देवदा व कीरतपुरा पंचायत के बिगेलो का खेड़ा और वली का खेड़ागांव में पेयजल के लिए इनदिनों लाले पड़ रहे है। गांव के हेंड पम्प और सरकार की ओर से बनाई गई टंकी सब कुछ शो पीस बनकर रह गए हैं। पानी के टैंकर का इंतजार करते ग्रामीण।
हल अमावस्या की परंपरा
बाड़मेर
भले ही कृषि में कितनी ही आधुनिक तकनीक आ गई हो, लेकिन पुरानी परंपराएं और रिवाज आज भी जिंदा हैं। अक्षय तृतीया के चार दिवसीय पर्व का पहला दिन हल अमावस्या शनिवार को है। इस मौके पर खेतों में हल जोतकर अच्छी खेती की कामना के साथ ही सगुन विचारने शुरू होंगे। बाड़मेर के आंटी गांव में खेतों में हल लेकर निकल पड़े किसान।
फोटो-ओम माली