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जयपुर

#VoteKaren.. ताकि, जनता के संघर्ष की ऐसी तस्वीरें दोबारा न दिखें

9 Photos
5 years ago
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जयपुर
1952 से 2019 तक हर चुनाव में एक मुद्दा जरूर रहा है, वो मुद्दा है पानी का.. नेताओं की जुबान पर और आमजन की आंखों में।
रेगिस्तान की चिलचिलाती धूप, लू और आंधी में मीलों पैदल चलती महिलाओं के पांवों के दर्द से पूछिए कि गर्मी के इस मौसम में पानी कितना अनमोल है। एक घड़ा पानी के लिए आठ किमी तक पसीने से तरबतर होने वाली महिलाओं से जानिए कि पानी के लिए उनका संघर्ष क्या है? यह महज एक मुद्दा है ऐसे ढेरों मुद्दे हैं जो आज भी मुद्दे ही बने हुए हैं। सरकारी उदासीनता के इस दौर में मतदाता के वोटों की कीमत बढ़ जाती है इसलिए वोट करें। देखिए, प्रदेश की कुछ खास तस्वीरें..

 

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वोट करें.. पानी के संघर्ष की ऐसी तस्वीर दोबारा न दिखे

बाड़मेर.
बूंद-बूंद पानी से घड़े भरती इन बहू-बेटियों को ही पता है कि इस जद्दोजहद के बाद जो पानी मिला है, उसकी कीमत क्या है?
बाड़मेर के निकट जालीपा के तालाब में इतना ही बरसाती पानी बचा है कि उसमें अब घड़ा नहीं डूबता। चुल्लू भर-भरकर पानी भरना मजबूरी बन गया है। पानी के संघर्ष की यह तस्वीर दुबारा न दिखे इसलिए वोट कीजिए।

फोटो- ओम माली

 

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वोट करें.. अन्यथा अन्नदाता के खेतों की नहीं बुझेगी प्यास

बांसवाड़ा
प्रदेश के सिंचित इलाकों में नहरी तंत्र खस्ताहाल है। अन्नदाता के खेतों की प्यास बुझाने के लिए सरकारें बजट में करोड़ों रुपए देने की घोषणाएं करती हैं, दावे करती हैं, लेकिन धरातल पर अलग ही हालात नजर आ रहे हैं। बांसवाड़ा में ऐसा ही हाल माही परियोजना के नहरी तंत्र का भी है।

 

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वोट करें.. नहीं तो खत्म नहीं होगी ये समस्या

प्रतापगढ़.
पढ़ाई करने की उम्र में घर का चूल्हा जलाने की मजबूरी। ऐसे नजारे अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल जाते हैं। जो सरकारी योजनाओं को ठेंगा दिखाते प्रतीत होते हैं।
जंगल से लकड़ी लेकर घर जाती छात्राओं का यह दृश्य जिला मुख्यालय पर मिनी सचिवालय रोड का है। उनसे बात करने पर पता चला कि घर में चूल्हा जलाने के लिए वे रोजाना जंगल से लकड़िया चुनकर लाती हैं। आमजन को अगर इन तस्वीरों को बदलना है तो वोट जरुर करना पड़ेगा।

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वोट करें.. अन्यथा कभी खत्म न होगा स्वास्थ्य के लिए एेसा सफर

बांसवाड़ा.
ये तस्वीर जनजाति बाहुल बांसवाड़ा-प्रतापगढ़ के सीमावर्ती गांव रोहनिया की हैं। जहां आज भी स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। स्थिति इतनी भयावह है कि छोटी-मोटी बीमारी पर प्राथमिक उपचार के लिए पृथ्वीपुरा गांव में माही का बैक वाटर पार कर जाना पड़ता है। शनिवार को रोहनिया में एक व्यक्ति बीमार हुआ तो उसे नाव में बिठाकर इस तरह पृथ्वीपुरा के स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाया गया।
रोहनिया के सरपंच लालसिंह बताते है कि रोहनिया गांव में 3200 मतदाता हैं। यहां स्वास्थ्य सुविधा का अभाव है। कई बार इसकी मांग की जा चुकी है, लेकिन सुनवाई नही हो रही है।

फोटो- दिनेश तम्बोली

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भगवान जिनेंद्र की रथ यात्रा

श्रीमहावीरजी/करौली.

श्रीमहावीरजी के वार्षिक मेला में शनिवार को भगवान महावीर की रथ यात्रा का दृश्य। पालकी में मुख्य मंदिर से भगवान जिनेंद्र को रथ तक ले जाते श्रावक, आस्था के सैलाब के बीच मंदिर कटला से निकल गंभीर नदी के तट की ओर जाती भगवान जिनेंद्र की रथ यात्रा तथा महावीर के रथ के आगे परम्परागत रूप से लाठियों को हवा में उछाल कर देहाती गीतों से आस्था व्यक्त करते ग्रामीण।

 

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इस बार धींगा गवर पर चुनावी रंग..

जोधपुर
देशभर में केवल जोधपुर में मनाए जाने वाले धींगा गवर बेंतमार गणगौर मेले में इस बार चुनावी रंग भी नजर आएंगे। मेला सोमवार रात को भरेगा। जिसके लिए महिलाएं तैयारियों में जुटी हैं। मेले में महिलाएं तरह-तरह के स्वांग रच बेंत फटकारते हुए सड़कों पर उतरती हैं और सामने आने वाले पुरुषों पर बेंत से प्रहार करती हैं। भाजपा और कांग्रेस नेताओं के मुखोटों में स्वांग रचने की तैयारी की जा रही है। शनिवार को भीतरी शहर में नेताओं के मुखोटे पहन स्वांग रचने की तैयारी करती तीजणियां।

फोटो- एसके मुन्ना

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सड़क पर जाम लगाकर किया जमकर प्रदर्शन

धोद/सीकर

नागवा गांव में दुल्हन अपहरण ( sikar bride Kidnap Case ) मामले को लेकर शहर में दिनभर माहौल तनावपूर्ण बना रहा। प्रशासन को दिए गए अल्टीमेटम के समाप्त होने के बाद कलेक्ट्रेट आवास के सामने धरने पर बैैठे राजपूत समाज के लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया और जमकर प्रदर्शन किया।

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दांवपेच आजमाते पहलवान

नारहेड़ा/जयपुर.

कस्बा स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर परिसर में भरे मेले के दौरान कामड़े की कुश्ती में दांवपेच आजमाते पहलवान। इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने शिरकत की।

 

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