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Rajasthan Police : राजस्थान में 10 प्रतिशत भी नहीं महिला पुलिस अधिकारी

locationजयपुरPublished: Nov 19, 2019 08:28:19 am

Submitted by:

Kartik Sharma

Rajasthan Police recruitment 2019: आधी आबादी के हक की बात हर कोई क रता है लेकिन प्रदेश में महिला पुलिस अधिकारी पांच फीसदी भी नहीं हैं और कुल ( Women Constable Jobs 2019) महिला पुलिसकर्मियों की संख्या दस फीसदी से कम है। राज्य में प्रति व्य€क्ति पुलिस व्यय राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है।

Rajasthan Police Constable Bharti 2019

Rajasthan Police Constable Bharti 2019

Rajasthan Police recruitment 2019: आधी आबादी के हक की बात हर कोई क रता है लेकिन प्रदेश में महिला पुलिस अधिकारी पांच फीसदी भी नहीं हैं और कुल ( women constable jobs 2019) महिला पुलिसकर्मियों की संख्या दस फीसदी से कम है। राज्य में प्रति व्य€क्ति पुलिस व्यय राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है।
हाल ही आई इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2019 में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में राजस्थान की पुलिस व्यवस्था को देश के कई राज्यों में से 17 वां स्थान दिया गया है। रिपोर्ट में इस मामले में प्रदेश को 10 में से केवल 3.77 अंक मिले हैं। रिपोर्ट के अनुसार हमारी पुलिस बजट, आधुनिकीकरण सहित कर्इ मोर्चों पर अन्य प्रदेशों से पिछड़ी हुई है।
आइपीएस, आरपीएस से लेकर एएसआइ तक महिला पुलिस अधिकारियों की संख्या 4.9 फीसदी है जबकि अपराधों की जांच और कानून व्यवस्था में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने पुलिस आधुनिकीकरण के लिए फंड जारी किया था। फंड का उपयोग नई बिल्डिंग, तकनीक और संसाधन बढ़ाने पर किया जाना था लेकिन राज्य में 2016-17 के आंकड़ों के अनुसार फंड का केवल तीन फीसदी उपयोग हुआ है। यह देश में सबसे कम है। हरियाणा ऐसा प्रदेश है, जिसने फंड का 80 फीसदी उपयोग किया है। पुलिस व्यय का राष्ट्रीय औसत करीबन 820 रुपए है जबकि राजस्थान में एक व्य€क्ति पर पुलिस व्यय 595 रुपए है जबकि पंजाब में प्रति व्य€क्ति पुलिस खर्च 1666 रुपए है। पुलिस खर्च के मामले में राजस्थान कंजूस है।
प्रदेश में शहरी इलाके में 18 वर्ग किलोमीटर परिधि और 46,208 की आबादी पर एक पुलिस थाना है जबकि ग्रामीण इलाकों में 719 वर्ग कि लोमीटर और 1 लाख 10 हजार 279 लोगों पर एक थाना है। बड़ी आबादी गांवों में रहने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस की कमी है, साथ ही थाने भी काफी दूर हैं। रिपोर्ट को टाटा ट्रस्ट और दूसरे संगठनों ने न्यायिक तंत्र के चार महत्वपूर्ण भागों को लेकर तैयार की है। रिपोर्ट में पुलिस, न्यायपालिका, जेल और विधिक सहायता को शामिल किया गया है। मानव संसाधन, आर्थिक स्थिति, राष्ट्रीय औसत सहित अन्य पैमानों को जांचा गया है।

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