मृतक के भाई ने बताया कि कमलकिशोर करीब 5 महीने से ठेके पर सेल्समैन का काम कर रहा था। इस अंतराल में वह पहली बार ही ठेके पर रात को रुका था। उसका पिछले पेमेंट भी बकाया था। ठेकेदार सुभाष और राकेश ने अगला और पिछला बकाया देने की बात कही थी और कहा था कि ठेके पर ही रुक जाए रात के समय। परिजनों ने आरोप लगाया है कि ठेके के पीछे की ओर छेद से पेट्रोल या अल्कोहल छिड़क कर आग लगाई गई है। आग फैलने के बाद उसका भाई जान बचाने के लिए डीप फ्रिज में गया जहां उसकी जिन्दा जलने से मौत हो गई। वहीं पुलिस किसी भी सुराग होने की बात से इनकार कर रही है।
लाखों का माल जला फिर भी सामने नहीं आया ठेकेदार
शराब के ठेके में आग लगने के बाद से ही ठेकेदार सुभाष और राकेश यादव फरार हैं। दुकान में लाखों का माल जलने के बाद भी वे सामने नहीं आए और हत्या के आरोप के बाद भी पुलिस ने ना ही उनकी तलाश की। पुलिस का कहना है कि मौके पर एफएसएल टीम बुलाकर जांच कराई जाएगी। मामले में और साक्ष्य जुटाने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी। आरोपी ठेकेदार राकेश की मां सरपंच है।