भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा थाना इलाके में स्थित मांदेडा गांव में बीती रात जलने से एक बुजुर्ग और उनके पोते की मौत हो गई। आज तड़के जब इस बारे में पता चला तो हंगामा मच गया। पुलिस ने बताया कि गांव में रहने वाले बुजुर्ग दम्पत्ति खेत में बनी झोपड़ी में सोने रहे थे। उनका पोता भी उनके साथ ही सो रहा था। झोपड़ी में रोशनी के लिए चिमनी जलाई गई थी। चिमनी से आग लगने के बाद आग इतनी तेजी से फैली कि दादा और पोते को संभलने का मौका नहीं मिला। दादी के कपड़ों में भी आग लग गई। मदद के लिए चीखते-चीखते दादा और पाते ने दम तोड़ दिया। हांलाकि दादी को झुलसी हालत में बचा लिया गया। आसपास के खेतों में सो रहे लोग जब तक पहुंच पाते दादी भी अचेत हो गई थी। पुलिस ने दादी को अस्पताल में भर्ती कराया है। भीलवाड़ा में ही कुछ दिन पहले भी इसी तरह के हादसे में जलने से एक महिला की मौत हो गई थी।
उधर चूरू जिले में दूधवखारा थाना इलाके में सिरसला बस स्टैंड के नजदीक बीती रात दो ट्रकों की भीषण टक्कर के बाद आग लग गई। आग इतनी तेज थी की पास ही स्थित जीएसएस को भी आग ने चपेट में ले लिया। टक्कर के बाद क्षतिग्रस्त हुए वाहनों के केबिनों में चालक और खलासी फंस गए। वे मदद के लिए चीख पुकार मचाते रहे लेकिन मदद नहीं पहुंच सकी। हादसे के बारे में सुनकर देर रात ही कलक्टर, एसपी भी मौके पर पहुंचे। लेकिन वे भी आग में मरने वालों की पुष्टि नहीं कर सके। पुलिस ने बताया कि दोनो ट्रकों में जो भी लोग थे वे जिंदा जल गए। किसी को भी नहीं बचाया जा सका। दोनो ट्रक भी जलकर पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। पहचान करना बेहद चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। दोनो वाहनों में कितने लोग थे इसका भी ठीक-ठीक अंदाजा नहीं लगाया जा सका है। एक वाहन के मालिक को हरियाणा से बुलाया गया हैं। प्राथमिक तौर पर तो एक ट्रक के चालक और खलासी के जिंदा जल जाने की बात सामने आ रही है। दूसरे वाहन में कितने लोग थे इस बारे में पड़ताल की जा रही है। पुलिस ने बताया कि आग लगने के बाद वाहनों में सवार लोगों ने बाहर निकलने की कोशिश की थी लेकिन वाहन क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण वे उनमें फंसकर रह गए।