लेकिन पेमेंट अटक गया तो उन्होनें एक बार और पेमेंट कर दिया। बाद में दोनो ही पेमेंट नहीं पहुंचे तो वे अपने एसबीआई की ब्रांच में गए और इस बारे में जानकारी दी। बैंक ने उनको रटा रटाया जवाब दे दिया कि सर्वर डाउन है। ज्यादा परेशानी है तो आन लाइन शिकायत कर दें। उन्होनें फोन पे पर आॅनलाइन शिकायत करने के लिए आॅनलाइन नंबर की तलाश की और उस पर शिकायत कर दी। कुछ देर में शिकायत साॅल्व करने के नाम पर एक मोबाइल नंबर से काॅल आया।
उनसे कुछ जानकारियां मांगी और जो भी मैसेज आ रहे थे उनके बारे में भी पूछताछ करता रहा। कुछ ही देर में दो ट्रांजेक्शन खाते से हुए और खाते से एक लाख रुपए साफ हो गए। रुपए निकले तक धीरेन्द्र को पता चला कि वे आॅनलाइन ठगी का शिकार हो गए। बाद में साठ हजार रुपए भी नहीं मिला। वैशाली नगर पुलिस मामले की जांच कर रही है। इससे पहले वैशाली नगर में ही एक के बाद एक दो वारदातों में दस लाख रुपए से ज्यादा कैश ठगा जा चुका है। उसका सुराग नहीं लगा है।