एनडीपीएस का आरोपी थी मोहन लाल
मानसरोवर पुलिस ने बताया कि मोहन लाल को हनुमानगढ़ की संगरिया थाना पुलिस ने नशा रखने और बेचने के आरोप मंे गिरफ्तार किया था। मोहनलाल जयपुर के बगरु थाना क्षेत्र का रहने वाला था। उसे रिमांड पर लेने के बाद हनुमानगढ पुलिस जयपुर लाई थी और जयपुर से नशे का और माल बरामद करना था। संगरिया थाने से एक एएसआई विजय सिंह और हैड कांस्टेबल राजाराम जयपुर आए थे। बगरु में उसके मकान में सर्च करने के बाद वे बगरु से मानसरोवर मैट्रो स्टेशन के नजदीक आए और यहां से सिंधी कैंप जाने के लिए बस का इंतजार करने लगे।
मानसरोवर पुलिस ने बताया कि मोहन लाल को हनुमानगढ़ की संगरिया थाना पुलिस ने नशा रखने और बेचने के आरोप मंे गिरफ्तार किया था। मोहनलाल जयपुर के बगरु थाना क्षेत्र का रहने वाला था। उसे रिमांड पर लेने के बाद हनुमानगढ पुलिस जयपुर लाई थी और जयपुर से नशे का और माल बरामद करना था। संगरिया थाने से एक एएसआई विजय सिंह और हैड कांस्टेबल राजाराम जयपुर आए थे। बगरु में उसके मकान में सर्च करने के बाद वे बगरु से मानसरोवर मैट्रो स्टेशन के नजदीक आए और यहां से सिंधी कैंप जाने के लिए बस का इंतजार करने लगे।
फिल्मी अंदाज में भागा बंदी, पुलिस दौड़ लगाती रही गई
मानसरोवर में मैट्रो स्टेशन के नजदीक ही जब दोनो पुलिसकर्मी बंदी को लेकर बस का इंतजार कर रहे थे तो इस दौरान एक बाइक वहां आकर रुकी। बाइक सवार ने मोहनलाल को देखा और उसके बाद मोहनलान ने दोनो पुलिसकर्मियों को धक्का मारा और बाइक पर बैठकर फरार हो गया। पुलिसवालों ने पीछा किया, दौड़ लगाई लेकिन बात नहीं बनी। बाद में मानसरोवर पुलिस को सूचना दी गई। मामले की जांच कर रहे एएसआई विरेन्द्र सिंह ने बताया कि सीसीटीवी कैमरों और अन्य माध्यमों से जांच की जा रही है। आरोपी को पकडने के लिए उसके मकान और अन्य जगहों पर दबिश दी गई है।
मानसरोवर में मैट्रो स्टेशन के नजदीक ही जब दोनो पुलिसकर्मी बंदी को लेकर बस का इंतजार कर रहे थे तो इस दौरान एक बाइक वहां आकर रुकी। बाइक सवार ने मोहनलाल को देखा और उसके बाद मोहनलान ने दोनो पुलिसकर्मियों को धक्का मारा और बाइक पर बैठकर फरार हो गया। पुलिसवालों ने पीछा किया, दौड़ लगाई लेकिन बात नहीं बनी। बाद में मानसरोवर पुलिस को सूचना दी गई। मामले की जांच कर रहे एएसआई विरेन्द्र सिंह ने बताया कि सीसीटीवी कैमरों और अन्य माध्यमों से जांच की जा रही है। आरोपी को पकडने के लिए उसके मकान और अन्य जगहों पर दबिश दी गई है।
जोधपुर से भागे 16 बंदी अभी तक नहीं मिले
उधर जोधपुर के फलोदी से भागे सोलह बंदी अभी तक नहीं मिले। इनमें अधिकतर हत्या और एनडीपीएस के आरोपी हैं। उनकी तलाश में पुलिस और जेल प्रशासन की कई टीमें लगी हुई हैं। लेकिन तीन दिन का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका है। हांलाकि इस बार जेल प्रशासन ने पहली बार बंदियों की सम्पत्ति को जब्त करने की भी धमकी दी है। लेकिन यह धमकी भी अभी तक काम नहीं कर रही है।
उधर जोधपुर के फलोदी से भागे सोलह बंदी अभी तक नहीं मिले। इनमें अधिकतर हत्या और एनडीपीएस के आरोपी हैं। उनकी तलाश में पुलिस और जेल प्रशासन की कई टीमें लगी हुई हैं। लेकिन तीन दिन का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका है। हांलाकि इस बार जेल प्रशासन ने पहली बार बंदियों की सम्पत्ति को जब्त करने की भी धमकी दी है। लेकिन यह धमकी भी अभी तक काम नहीं कर रही है।