बैंक के सिस्टम को ही नहीं छोड़ा, रुपए निकाल लिए
लालकोठी थाने में एसबीआई बैंक के उप प्रबंधन प्रभात कुमार ने मुकदमा दर्ज कराया है। सांगानेरी गेट शाखा कार्यालय में उप प्रबंधक प्रभात ने पुलिस को बताया कि बैंक के आॅटोमैटिक विड्राॅल और डिपाॅजिट सिस्टम मशीन से छेडछाड़ करते हुए एटीएम के जरिए एक लाख दस हजार रुपए रुपए निकाले गए हैं। जब कैश मिलाया गया तब इसकी जानकारी मिलीं। जांच की गई तो फ्राॅड होने का पता चला। 16 जून को इस वारदात के बाद बैंक प्रबंधन ने बीस जून को लालकोठी पुलिस को इसकी सूचना दी और मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस फिलहाल सिस्टम को समझने के लिए साइबर एक्सपर्टस की मदद ले रही है।
लालकोठी थाने में एसबीआई बैंक के उप प्रबंधन प्रभात कुमार ने मुकदमा दर्ज कराया है। सांगानेरी गेट शाखा कार्यालय में उप प्रबंधक प्रभात ने पुलिस को बताया कि बैंक के आॅटोमैटिक विड्राॅल और डिपाॅजिट सिस्टम मशीन से छेडछाड़ करते हुए एटीएम के जरिए एक लाख दस हजार रुपए रुपए निकाले गए हैं। जब कैश मिलाया गया तब इसकी जानकारी मिलीं। जांच की गई तो फ्राॅड होने का पता चला। 16 जून को इस वारदात के बाद बैंक प्रबंधन ने बीस जून को लालकोठी पुलिस को इसकी सूचना दी और मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस फिलहाल सिस्टम को समझने के लिए साइबर एक्सपर्टस की मदद ले रही है।
रिफंड का लालच दिया और कर दिया खाता साफ
उधर रिफंड का लालच देकर और अन्य बातों में फंसाकर दो बैंक खातों से लाखों रुपए निकाल लिए गए। बस्सी थाने में 63 वर्षीय बुजुर्ग ने केस दर्ज कराया है। लादूराम ने पुलिस को बताया कि उनके पास मोबाइल पर काॅल आया और काॅल करने वाले ने खुद को बैंक प्रतिनिधी बातते हुए कुछ सिस्टम अपडेट करने को लेकर फोन पे अकाउंट खुलवाया। उसके बार खाते की जानकारी ली और जल्द ही अपडेट हो जाने की बात कही। लेकिन कुछ ही देर में खाते से तीन बार में नब्बे हजार रुपए निकाल लिए गए।
उधर रिफंड का लालच देकर और अन्य बातों में फंसाकर दो बैंक खातों से लाखों रुपए निकाल लिए गए। बस्सी थाने में 63 वर्षीय बुजुर्ग ने केस दर्ज कराया है। लादूराम ने पुलिस को बताया कि उनके पास मोबाइल पर काॅल आया और काॅल करने वाले ने खुद को बैंक प्रतिनिधी बातते हुए कुछ सिस्टम अपडेट करने को लेकर फोन पे अकाउंट खुलवाया। उसके बार खाते की जानकारी ली और जल्द ही अपडेट हो जाने की बात कही। लेकिन कुछ ही देर में खाते से तीन बार में नब्बे हजार रुपए निकाल लिए गए।
एक अन्य मामला करणी विहार में रहने वाले दुर्गापसाद ने दर्ज कराया। फोन करने वाले ने खुद को अमजेन कंपनी से बताया और कैश रिफंड आने की बात कहते हुए खते की जानकारी मांगी। उसके कुछ देर के बाद ही खाते से एक लाख पचास हजार रुपए साफ कर दिए। बाद में दुर्गाप्रसाद ने अजमेन कस्टमर केयर पर फोन कर जानकारी मांगी तो पता चला कि उनको किसी तरह का काॅल रिफंड के लिए वहां से नहीं किया गया।