दरअसल जयपुर में डीएसटी टीम के इंजार्च इंस्पेक्टर नरेन्द्र कुमार खींचड और हैड कांस्टेबल मनेन्द्र किसी काम से सीकर गए थे अपनी निजी कार से। जयपुर वापस लौटने के दौरान सीकर के राणोली थाना इलाके में हाइवे पर स्थित एक ढाबे पर खाना खाने के लिए ठहरे। वहां पहले से ही मौजूद दो अन्य बदमाश उनको लगातार वाॅच कर रहे थे। सिविल ड्रेस में दोनो पुलिसकर्मी थे। इस दौरान दोनो बदमाशों में से एक ने सीआई और हैड कांस्टेबल से कहा कि कार की चाबी दें। हैड कांस्टेबल ने मना किया तो दूसरे बदमाश ने दोनो पुलिसकर्मियों को प्वाइंट करते हुए फायर ठोक दिया। सीआई बच गए लेकिन गोली मनेन्द्र के पेट में जा धंसी। मनेन्द्र को देर रात ही पुलिस टीम की मदद से जयपुर एसएमएस अस्पताल लाया गया। चिकित्सकों का कहना है कि आॅपरेशन कर दिया गया है लेकिन हालत स्थित बनी हुई है। अगले चैबीस घंटे के बाद ही सेहत के बारे में सटीक कहा जा सकता है। उधर परिवार के लोग, पुलिस अफसर और टीम से जुडे अन्य साथी सवेरे अस्पताल पहुंचने लगे थे।
सीकर के राणोली पुलिस ने बताया कि फायरिंग करने वाले दोनो बदमाशों की तलाश की जा रही है। वे पुलिस की राडार पर हैं और जल्द ही उनसे कार बरामद करने के साथ ही हथियार भी बरामद कर लिए जाएंगे। उधर ढाबा चलाने वाले ने सीकर पुलिस को बताया कि जैसे ही कार आकर रुकी और दोनो लोगों ने खाने का आॅर्डर दिया उसके कुछ देर बाद ही वारदात हो गई। फायरिंग करने वाले दोनो बदमाश काफी देर से यहां बैठे थे। लेकिन उनके पास हथियार हैं, इस बारे में ढाबा संचालक को भी जानकारी नहीं थी। वारदात कार लूटने के इरादे से ही गई थी या फिर अन्य कोई रंजिश थी इसका भी पता लगाया जा रहा है।
दरसअल जयपुर में चारों डीसीपी के अंडर में एक-एक डीएसटी टीमें बनाई गई हैं। जिनका अधिकतर काम बड़े अपराधों को रोकना है। एक इंस्पेक्टर और उनके अंडर में कई पुलिसकर्मियों को इन टीमों में लगाया गया है। पिछले कुछ महीनों से ये टीम जयपुर और आसपास के जिलों से नशे के खिलाफ बडी कार्रवाईयां कर रही है। स्मैक, चरस और अन्य नशे के खिलाफ सैंकड़ों कार्रवाई ये टीमें कर चुकी हैं। इन कार्रवाईयों के दौरान शेखावटी के भी कई बदमाशों और नशे के सौदागरों को दबोचा गया हैं। संभव है इसी कारण डीएसटी टीम पर हमला किया गया है और सीआई को गोली मारने की कोशिश की गई है।