भीलवाड़ा पुलिस को सूचना मिली थी कि जालोर स्थित भाटीय गांव में पाबुराम का ननिहाल है और वहां पर कोई कार्यक्रम के चलते वह वहां आने वाला है। कई दिनों से उस पर नजर थी। शुक्रवार देर रात करीब एक बजे सूचना मिली कि वह गांव आने वाला है तो वहां पहले से ही तैनात पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया। गांव के बाहर ही भीलवाड़ा, जालोर और बाड़मेर की पुलिस ने उसे खेत में घेर लिया और सरेंडर करने को कहा। लेकिन वह नहीं माना और उसने पुलिस पर फायर खोल दिया। जवाब में पुलिस ने गोली चलाई तो गोली उसके घुटने के नीचे लगी और वह सरेंडर हो गया।
दरअसल, पिछले दिनों कुछ तस्करों और बदमाशों ने भीलवाड़ा में पुलिस जीप पर हमला कर दिया था। दो पुलिसवालों की हत्या कर दी थी और कुछ को गंभीर घायल कर दिया था। तब से अब तक कई आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। जो बदमाश फरार हैं उनको एनकाउंटर का डर है और वे इसलिए सरेंडर भी कर रहे हैं। तीन दिन पहले ही रमेश भनीत नाम के तस्कर और आरोपी ने चित्तौडगढ़ की एनडीपीएस कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। उसका कहना था कि उसे डर है, कहीं पुलिस उसका एनकांउटर नहीं कर दे।