तलाश पर ज़ोर देने के निर्देश
सीआईडी ने विदेशी तब्लीग जमात के 964 सदस्यों की सूची पुलिस अधीक्षकों समेत आला अफसरों को भेजी है, जो विभिन्न क्षेत्रों में होटल, धर्मशाला, सराय, मदरसों, मस्जिदों और अन्य संभावित स्थानों पर तलाशी करवाकर उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
मुश्किल बढ़ा सकती हैं मरकज़ में शामिल हुई महिलाएं
गौरतलब है कि काफी संख्या में तबलीगी जमात के लोग कोरोना के शिकार हुए हैं और कई में वायरस के लक्षण भी पाए गए हैं। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल है कि निजामुद्दीन मरकज ( Nizamuddin Markaz ) में शामिल महिलाओं की तलाश कब होगी?
दरअसल, निजामुद्दीन मरकज में हुए कार्यक्रम में देश-विदेश के जमातियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई थीं। क्राइम ब्रांच से लेकर अन्य सभी जांच एजेंसियां देशभर में पुरुषों की तलाश तो कर रही हैं, लेकिन इन महिला जमातियों से अंजान बनी हुई हैं। ऐसे में यह महिलाएं देश के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकती हैं।
जमात से जुड़े एक शख्स का कहना है कि मरकज में महिलाओं के ठहरने के लिए एक अलग से बड़ा हॉल बना हुआ है, वहां पर पुरुषों का प्रवेश प्रतिबंधित है। मरकज से मस्तूरात की तीन दिन, 40 दिन और दो महीने की जमातें देश-विदेश में जाती हैं। मार्च महीने में बहुत सी विदेशी मस्तूरात की जमातें दिल्ली में भी आई हुई हैं। यह जमातें दिल्ली की विभिन्न मस्जिदों में रुकी हुई थीं, वहीं कुछ जमातें मरकज में भी रुकी थीं। जिस वक्त मरकज को सील किया गया, उस दौरान महिलाओं को भी क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया है।
फिलहाल, दिल्ली पुलिस के पास ये जानकारी नहीं है कि क्वारंटाइन सेंटर में कितनी महिलाओं को रखा गया है। अब ये मुस्लिम महिलाएं पुलिस के लिए सिरदर्द बनती जा रही हैं। क्योंकि, एक तो ये बुर्के में रहती हैं और दूसरे के सामने अपना चेहरा नहीं दिखाती हैं। लिहाजा, अब से ज्यादा जरूरी हो गया हैकि उन महिलाओं को ढूंढना जो मरकज में शामिल हुई थीं। क्योंकि, उन्हें नहीं ढूंढा गया तो देश में कोरोना का संकट काफी बढ़ जाएगा।