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राजस्थान पुलिस तैयार करवा रही ऐसी वैन, जिसके फायदे मिलेंगे अनेक, जानें क्या है विशेषता

locationजयपुरPublished: Oct 07, 2021 09:36:44 pm

पुलिस व्यवस्था में होगा महत्वपूर्ण बदलाव, तैयार होगी विशेष पुलिस वैन, अभी 95 थानों में होगा पायलट प्रोजेक्ट, कानून व्यवस्था संभालने वाली टीम से पृथक अनुसंधान टीम, मौके पर ही होगी तफ्तीश

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ओमप्रकाश शर्मा / जयपुर। आपराधिक घटना हो या दुर्घटना, कानून व्यवस्था बिगडऩे पर अब मामले का अनुसंधान नहीं अटकेगा। प्रदेश पुलिस इसके लिए विशेष व्यवस्था कर रही है, जिसके तहत अभी 95 थानों में विशेष अनुसंधान इकाई गठित की जा रही है।
गंभीर आपराधिक घटना व कानून व्यवस्था बिगडऩे की स्थिति में यह इकाई तत्काल मौके पर पहुंचेगी और उसी स्थान पर घटनास्थल से संबंधित अनुसंधान पूरा करेगी। इसके लिए राजस्थान पुलिस विशेष वैन तैयार करवा रही है। इस वैन में अनुसंधान अधिकारी, पीडि़त पक्ष तथा गवाह के बैठने की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही साक्ष्य एकत्र करने के सभी संसाधन इस वैन में होंगे।
इसलिए पड़ी जरूरत

अक्सर बड़े मामलों की तफ्तीश में कई खामियां रह जाती हैं। टीम वर्क के अभाव में आवश्यक संसाधनों का भी उपयोग नहीं हो पाता। घटना के बाद कई बार मौके पर कानून व्यवस्था बिगडऩे की नौबत आ जाती है। ऐसे में पुलिस की प्राथमिकता भीड़ को संभालना रहता है। इस कारण कई बार संबंधित घटना की प्रभावी तफ्तीश नहीं हो पाती।
अब यह होगा

पुलिस ने अभी 95 वैन तैयार कराने का निर्णय लिया है। गंभीर आपराधिक घटना पर इस वैन को भेजा जाएगा। जांच अधिकारी इसी पर तैनात रहेगा। उसकी प्राथमिकता भीड़ व उससे जुड़ी कानून संभालने की नहीं रहेगी। इसके लिए अलग से पुलिस टीम रहेगी। जांच अधिकारी मौके पर ही तफ्तीश को पूरा करने का प्रयास करेगा। वैन में तफ्तीश पूरी करने के सभी संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। खास बात यह है कि यह तफ्तीश पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरे में कैद होगी, जिससे पुलिस के काम में पारदर्शिता भी रहेगी। यह प्रयास सफल होने पर सभी थानों में लागू किया जाएगा।
सुधरेगा तफ्तीश का स्तर

इससे पुलिस की तफ्तीश का स्तर भी सुधरेगा। वैन में उपलब्ध संसाधनों के उपयोग के लिए पहले अनुसंधान अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें फिंगर प्रिंट, सेक्सुअल असॉल्ट से संबंधित साक्ष्य, मादक पदार्थ, डीएनए व अन्य मामलों में साक्ष्य जुटाने में माहिर किया जाएगा। इन वैन में जीपीएस भी रहेगा, जिससे उच्च स्तर पर मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी।
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