एक्सप्लोसिव डिटेक्टर पहचानेगा देसी बम भी
पिछले दिनों पुलिस को कई जिलों में देसी बमों का सामना भी करना पड़ा था। इन बमों में बारूद के साथ ही अन्य ज्वलनशील पदार्थ भी थे। अब पुलिस ऐसा डिटेक्टर खरीदने जा रही है, जो इन बमों की पहचान कर सकेगा। इन बमों में मौजूद ज्वलनशील की भी पहचान की जा सकेगी। साथ ही मिट्टी के नीचे छिपाए पेट्रोल, डीजल या अन्य तरह के ज्वलनशील को भी पहचानने में यह सिर्फ दस सैकेंड का समय लेगा और उनको तीन मिनट में निष्क्रिय कर देगा। फि लहाल इसकी एक यूनिट खरीदी जा रही है, जिसकी कीमत करीब चालीस लाख रुपए है।
पिछले दिनों पुलिस को कई जिलों में देसी बमों का सामना भी करना पड़ा था। इन बमों में बारूद के साथ ही अन्य ज्वलनशील पदार्थ भी थे। अब पुलिस ऐसा डिटेक्टर खरीदने जा रही है, जो इन बमों की पहचान कर सकेगा। इन बमों में मौजूद ज्वलनशील की भी पहचान की जा सकेगी। साथ ही मिट्टी के नीचे छिपाए पेट्रोल, डीजल या अन्य तरह के ज्वलनशील को भी पहचानने में यह सिर्फ दस सैकेंड का समय लेगा और उनको तीन मिनट में निष्क्रिय कर देगा। फि लहाल इसकी एक यूनिट खरीदी जा रही है, जिसकी कीमत करीब चालीस लाख रुपए है।
पहली बार कार रिमोड टूल किट की खरीद
राजस्थान पुलिस पहली बार एक विशेष कार रिमोड टूल किट भी खरीद रही है। इसकी कीमत फि लहाल तय नहीं है। पुलिस अफसरों का कहना है कि कई बार कारों या अन्य चौपहिया वाहनों में बम या अन्य आपत्तिजनक सामान होता है। इस तरह के वाहनों को अब एक विशेष रिमोड किट से खोला जा सकेगा। इस किट में बत्तीस तरह के उपकरण हैं। इन उपकरणों की मदद से तेल, गैस और अन्य रासायनिक पदार्थों से भरे टैंकरों को भी खोल जा सकेगा। अक्सर ऐसे वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर इनमें धमाकों के डर से पुलिस या बचाव दल इनके पास तक भी नहीं जा पाते हैं।
राजस्थान पुलिस पहली बार एक विशेष कार रिमोड टूल किट भी खरीद रही है। इसकी कीमत फि लहाल तय नहीं है। पुलिस अफसरों का कहना है कि कई बार कारों या अन्य चौपहिया वाहनों में बम या अन्य आपत्तिजनक सामान होता है। इस तरह के वाहनों को अब एक विशेष रिमोड किट से खोला जा सकेगा। इस किट में बत्तीस तरह के उपकरण हैं। इन उपकरणों की मदद से तेल, गैस और अन्य रासायनिक पदार्थों से भरे टैंकरों को भी खोल जा सकेगा। अक्सर ऐसे वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर इनमें धमाकों के डर से पुलिस या बचाव दल इनके पास तक भी नहीं जा पाते हैं।
पोर्टबल एक्सरे यूनिट मशीनए रियल टाइम क्विक व्यू के लिए
राजस्थान पुलिस विशेष पोर्टेबल एक्सरे यूनिट भी खरीद रही है। एक मशीन की कीमत ही पचास लाख रुपए से ज्यादा है। यह मशीन कम वजन की होने से एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाई जा सकेगी। लैपटॉप की मदद से इसे कहीं भी ऑपरेट किया जा सकेगा। पुलिस अफ सरों का कहना है कि अक्सर मेले, धरने, प्रदर्शन और भीड़ वाली अन्य जगहों पर लोगों के बैग्स की तलाशी नहीं ली जा सकती। ऐसे में इन मशीनों की मदद से बैग्स की तलाशी आसानी से हो सकेगी। खास बात यह है कि यह मशीन पचास डिग्री से लेकर माइनस पांच डिग्री तक में आसानी से काम कर सकेगी।
राजस्थान पुलिस विशेष पोर्टेबल एक्सरे यूनिट भी खरीद रही है। एक मशीन की कीमत ही पचास लाख रुपए से ज्यादा है। यह मशीन कम वजन की होने से एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाई जा सकेगी। लैपटॉप की मदद से इसे कहीं भी ऑपरेट किया जा सकेगा। पुलिस अफ सरों का कहना है कि अक्सर मेले, धरने, प्रदर्शन और भीड़ वाली अन्य जगहों पर लोगों के बैग्स की तलाशी नहीं ली जा सकती। ऐसे में इन मशीनों की मदद से बैग्स की तलाशी आसानी से हो सकेगी। खास बात यह है कि यह मशीन पचास डिग्री से लेकर माइनस पांच डिग्री तक में आसानी से काम कर सकेगी।
ये मशीनें भी खरीद रही राजस्थान पुलिस
इन विशेष मशीनों के अलावा राजस्थान पुलिस अन्य सुरक्षा उपकरण भी खरीद रही है। इनमें एक्स-रे मशीन, स्पेशल सॉफ्टवेयर कंप्यूटर एवं लैपटॉप के लिए एंडोस्कोप डिजिटल ऑडियो और विडियो रिकॉर्डर, नॉन लाइनर जंक्शन डिटेक्टर मशीन और अन्य उपकरण हैं। ये उपकरण दिवाली के बाद तक खरीदे जाने हैं। इस सप्ताह ही बिड़ निकाली जानी है।
इन विशेष मशीनों के अलावा राजस्थान पुलिस अन्य सुरक्षा उपकरण भी खरीद रही है। इनमें एक्स-रे मशीन, स्पेशल सॉफ्टवेयर कंप्यूटर एवं लैपटॉप के लिए एंडोस्कोप डिजिटल ऑडियो और विडियो रिकॉर्डर, नॉन लाइनर जंक्शन डिटेक्टर मशीन और अन्य उपकरण हैं। ये उपकरण दिवाली के बाद तक खरीदे जाने हैं। इस सप्ताह ही बिड़ निकाली जानी है।