पूर्व कमिश्नर संजय अग्रवाल के कार्यकाल तक कमिश्नरेट के टाइगर पश्चिम, दक्षिण, पूर्व, उत्तर, मुख्यालय, यातायात, अपराध और मेट्रो के अलावा दोनों पैंथर की भी प्रत्येक माह रुटीन गश्त के चार्ट में ड्यूटी निर्धारित थी। हाल ही सरकार ने कमिश्नरेट से डीसीपी क्राइम का पद हटाकर पैंथर (अपराध) का नया पद सृजित कर दिया। इस बीच कमिश्नरेट मुख्यालय ने एक आदेश जारी कर तीनों पैंथर की रुटीन नाइट गश्त की ड्यूटी हटा दी गई है।
कमिश्नरेट में क्राइम डीसीपी का पद खाली हो जाने और तीनों पैंथर को रुटीन नाइट गश्त से हटा देने से सारे टाइगर (डीसीपी) में रोष व्याप्त हो गया। एक डीसीपी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर पीड़ा का इजहार करते हुए कहा कि गश्त व्यवस्था से पैंथर को हटा देने से काम-काज का दबाब और बढ़ गया है। क्योंकि नई व्यवस्था में प्रत्येक दिन रोस्टर के आधार पर टाइगर की नाइट गश्त की जिम्मेदारी तय की गई है। जनवरी में दो डीसीपी निर्धारित तिथि पर नाइट गश्त पर नहीं आ पाए, जिसके चलते एक डीसीपी को छह बार तक नाइट गश्त देनी पड़ी।