डीजीपी ओपी गल्होत्रा ने बताया कि रोड सेफ्टी फंड से पहली बार पुलिस को 7 करोड़ 76 लाख रुपए इस साल मिले हैं। इस फंड राशि में से ही 3 करोड़ 20 लाख रुपए की राशि से 20 नए इन्टरसेप्टर्स खरीदने के बाद अब पुलिस के पास कुल 76 इंटरसेप्टर्स हो गई हैं। अब सभी जिले में कम से कम एक इन्टरसेप्टर हो गई है। रोड सेफ्टी का प्रचार करने के लिए 25 लाख की लागत से एक प्रदर्शनी वाहन और साढ़े दस लाख रुपए की कीमत की जीपीएस लगी 14 मोटरसाइकिलें भी खरीदी हैं।
डीजीपी गल्होत्रा ने बताया कि 5 पोर्टेबल स्पीड लेजर गन खरीदी गई है। इन्हें दोनों कमिश्नरेट और तीन अन्य जिलों को उपलब्ध करवाया जा रहा है। रोड सेफ्टी उपकरणों की खरीद और सुधार के लिए प्रत्येक थाने को दस हजार रुपए की राशि के साथ ट्रैनिंग के लिए कुल चार लाख रुपए स्वीकृत हुए हैं। वहीं 500 हैण्ड-हेल्ड ई-चालान डिवाइस भी खरीदी है। जयपुर व जोधपुर के साथ ही 12 अन्य जिलों को भी यह डिवाइस उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रदेश को जिला स्तर पर ज्यादा से ज्यादा कैमरों की जद में लाने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं मॉनिटरिंग के लिए उन्हें संभाग मुख्यालय पर स्थापित किए गए अभय कमांड एंड कन्ट्रोल सेन्टर से जोड़ा जा रहा है। जयपुर में 504 कैमरे स्थापित करने के साथ ही सातों संभागों पर 1575 कैमरे लगाए जा चुके है, जबकि 12 हजार 280 कैमरे लगाने हैं। मुख्यालय में सेंट्रल अभय कमांड सेंटर का निरीक्षण करते हुए जयपुर के तीन ठिकानों पर ड्रोन से लिए जा रहे दृश्यों का अवलोकन किया। 8 बड़ी स्क्रीन पर सभी सातों संभागीय मुख्यालयों के कमांड सेंटर को जोड़ दिया गया है