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पुलिस बढ़ा रही तकनीकी ताकत, सेंट्रल कंट्रोल रुम से होगा अभय कमांड

locationजयपुरPublished: Jun 06, 2018 11:35:08 pm

Submitted by:

Dinesh Gautam

पुलिस अब आधुनिकता के साथ बदल रही है। इसी वजह से उसने खुद की तकनीकी ताकत को मजबूत करना शुरू कर दिया है। हालांकि पूरे सिस्टम को अपग्रेड होने में वक्त लगेगा, लेकिन शुरूआत हो चुकी है।

पुलिस अब आधुनिकता के साथ बदल रही है। इसी वजह से उसने खुद की तकनीकी ताकत को मजबूत करना शुरू कर दिया है। हालांकि पूरे सिस्टम को अपग्रेड होने में वक्त लगेगा, लेकिन शुरूआत हो चुकी है।

पुलिस अब आधुनिकता के साथ बदल रही है। इसी वजह से उसने खुद की तकनीकी ताकत को मजबूत करना शुरू कर दिया है। हालांकि पूरे सिस्टम को अपग्रेड होने में वक्त लगेगा, लेकिन शुरूआत हो चुकी है।

जयपुर

पुलिस अब आधुनिकता के साथ बदल रही है। इसी वजह से उसने खुद की तकनीकी ताकत को मजबूत करना शुरू कर दिया है। हालांकि पूरे सिस्टम को अपग्रेड होने में वक्त लगेगा, लेकिन शुरूआत हो चुकी है। माना जा रहा है कि जल्द ही पुलिस सिस्टम आधुनिक उपद्रवों पर लगाम लगाने के लिए खुद को तैयार कर लेगा।
गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने पुलिस मुख्यालय में 20 इन्टरसेप्टर्स और 14 जीपीएस लगी मोटरसाइकल्स को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही, उन्होंने खरीदे गए 500 ई-चालान डिवाइस में से 5 डिवाइस ट्रैफिक इंस्पेक्टर को प्रदान किए। गृहमंत्री कटारिया ने पुलिस मुख्यालय में बनाए गए सेंट्रल अभय कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का भी शुभारंभ किया।
कटारिया ने कहा कि रोड सेफ्टी फंड से प्राप्त संसाधनों से यातायात पुलिस की कार्य क्षमता में और अधिक वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि सालाना प्रदेश में 10 हजार के करीब लोग सड़क हादसों का शिकार होते है। कुल दुर्घटनाओं में से करीब 35 फीसदी दुर्घटनाओं के शिकार दुपहिया चालक होते है। साथ ही, कुल दुर्घटनाओं में 30 प्रतिशत का कारण शराब का सेवन करना है। उन्होंने कहा कि तकनीक के उपयोग से यातायात पुलिस की कार्यक्षमता के साथ ही विश्वास भी बढ़ेगा। कटारिया ने कहा कि सरकार ने पुलिस को सुविधा देने की पूरी कोशिश की है।
रोड सेफ्टी फंड से पुलिस को मिले 7 करोड़ 76 लाख
डीजीपी ओपी गल्होत्रा ने बताया कि रोड सेफ्टी फंड से पहली बार पुलिस को 7 करोड़ 76 लाख रुपए इस साल मिले हैं। इस फंड राशि में से ही 3 करोड़ 20 लाख रुपए की राशि से 20 नए इन्टरसेप्टर्स खरीदने के बाद अब पुलिस के पास कुल 76 इंटरसेप्टर्स हो गई हैं। अब सभी जिले में कम से कम एक इन्टरसेप्टर हो गई है। रोड सेफ्टी का प्रचार करने के लिए 25 लाख की लागत से एक प्रदर्शनी वाहन और साढ़े दस लाख रुपए की कीमत की जीपीएस लगी 14 मोटरसाइकिलें भी खरीदी हैं।
500 हैण्ड-हेल्ड ई-चालान डिवाइस
डीजीपी गल्होत्रा ने बताया कि 5 पोर्टेबल स्पीड लेजर गन खरीदी गई है। इन्हें दोनों कमिश्नरेट और तीन अन्य जिलों को उपलब्ध करवाया जा रहा है। रोड सेफ्टी उपकरणों की खरीद और सुधार के लिए प्रत्येक थाने को दस हजार रुपए की राशि के साथ ट्रैनिंग के लिए कुल चार लाख रुपए स्वीकृत हुए हैं। वहीं 500 हैण्ड-हेल्ड ई-चालान डिवाइस भी खरीदी है। जयपुर व जोधपुर के साथ ही 12 अन्य जिलों को भी यह डिवाइस उपलब्ध कराई जाएगी।
संभाग स्तर पर बनाए अभय कमांड सेंटर
प्रदेश को जिला स्तर पर ज्यादा से ज्यादा कैमरों की जद में लाने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं मॉनिटरिंग के लिए उन्हें संभाग मुख्यालय पर स्थापित किए गए अभय कमांड एंड कन्ट्रोल सेन्टर से जोड़ा जा रहा है। जयपुर में 504 कैमरे स्थापित करने के साथ ही सातों संभागों पर 1575 कैमरे लगाए जा चुके है, जबकि 12 हजार 280 कैमरे लगाने हैं। मुख्यालय में सेंट्रल अभय कमांड सेंटर का निरीक्षण करते हुए जयपुर के तीन ठिकानों पर ड्रोन से लिए जा रहे दृश्यों का अवलोकन किया। 8 बड़ी स्क्रीन पर सभी सातों संभागीय मुख्यालयों के कमांड सेंटर को जोड़ दिया गया है
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