अब तक चुप्पी साधे ये विधायक आलाकमान के निर्णय में साथ होने की बात कर रहे हैं। विधायकों के बयान पलटने के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। पार्टी में एकजुटता व अनुशासन को देखते हुए इन विधायकों के बयान को पार्टी हित में भी माना जा रहा है।
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‘आलाकमान जो भी निर्णय करेगा, जिसको भी मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करेगा, पूरी निष्ठा से उसके साथ हूं। इस्तीफे की राजनीति से सहमत नहीं हूं।’
– डॉ. जितेन्द्र सिंह, विधायक खेतड़ी
‘सीएमआर में विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने वाला घटनाक्रम चिंताजनक है। पार्टी के सच्चे सिपाही के रूप में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का जो भी निर्णय होगा, उसे मानने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’
– वाजिब अली, विधायक नगर
‘राजनीति में रहूं या नहीं, विपरीत दिशा में तैरना मुश्किल है। आलाकमान जिसको भी मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय करेगा, उसके साथ हूं। निर्णय 19 अक्टूबर के बाद हो। सभी के साथ इस्तीफे पर हस्ताक्षर किए।’
– खुशवीर सिंह, निर्दलीय, मारवाड़ जंक्शन
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‘चुनावी समय में कांग्रेस के लिए यह घटनाक्रम दुखद है। पार्टी में अपनी भावना व्यक्त करने का सबको अधिकार है। भावना व्यक्त करने के बाद सभी को पार्टी हाईकमान का निर्णय स्वीकार होगा। इस निर्णय को सभी को स्वीकार करना चाहिए।’
– संदीप यादव, तिजारा
‘कोई इस्तीफा नहीं। कांग्रेस के साथ हैं, कांग्रेस के साथ रहेंगे।’
– रमिला खडि़या, निर्दलीय, कुशलगढ़