देवनानी ने आज एक ट्वीट प्रतिक्रिया में यूनिफॉर्म बदले जाने की सरकार की कवायद की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार का ये फैसला राजनीतिक द्वेषता की वजह से लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भाजपा सरकार ने 17 साल से चली आ रही परम्परागत ड्रेस में बदलाव किया था। इससे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों में निजी विद्यालय के समकक्ष आत्मविश्वास की अनुभूति होने लगी थी। लेकिन वर्तमान सरकार सिर्फ़ 3 वर्ष में ही इसे पुनः बदलकर करोड़ों रुपये बर्बाद करने जा रही है।
नई यूनिफॉर्म के रंग पर मंथन
शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों की यूनिफॉर्म में बदलाव को लेकर सरकार की मंशा ज़ाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि छात्रों की यूनिफॉर्म में बदलाव पर मंथन किया जा रहा है। सरकार 8वीं तक के बच्चों को निशुल्क यूनिफार्म उपलब्ध कराएगी। स्कूल की यूनिफार्म का रंग बदलने का निर्णय एक कमेटी करेगी। वहीं छात्रों को यूनिफार्म दी जाए या फिर यूनिफार्म की राशि उनके बैंक अकाउंट में डायरेक्ट ट्रांसफर किए जाएँ, इसका भी फैसला जल्द लिया जाएगा।
पहले भी छिड़ चुकी है सियासत
वर्ष 2017 के दौरान भाजपा सरकार ने सरकारी स्कूलों के छात्रों की यूनिफॉर्म में बदलाव किया था। तब विपक्ष में रही कांग्रेस के नेताओं ने सरकार विरोधी बयानबाज़ी की थी। कांग्रेस नेताओं ने तब आरोप लगाए थे कि भाजपा ने आरएसएस की ड्रेस की तर्ज़ पर छात्रों की यूनिफॉर्म का रंग बदला है।
अभी चल रही है ये यूनिफार्म
सरकारी स्कूलों में फिलहाल छात्रों के लिए कत्थई रंग की पेंट और हल्की भूरी शर्ट है, जबकि छात्राओं के लिए कत्थई रंग की ही सलवार या स्कर्ट और हल्के भूरे रंग का कुर्ता पहनना अनिवार्य है।