कुछ व्यापारियों का कहना है कि दो-तीन दिन में आवेदन कर दिए जाएंगे। राजस्थान में बिजली संकट ज्यादा गहराता है या सरकार रियायती दरों पर बिजली देने से मनाकर देती है तो उस स्थिति में जनरेटर से बाजार को रोशन किया जाएगा। उधर, ऊर्जा विभाग के आला अधिकारी यह भी कह रहे हैं कि आवेदन आएंगे तो सरकार से बातचीत कर हल निकाला जाएगा।
राजस्थानी जयपुर में छोटे-बड़े मिलाकर करीब 50 से अधिक व्यापार मंडल दिवाली पर बाजार में सामूहिक सजावट करते रहे हैं। लेकिन पिछले साल कोराेना की मार के चलते राजधानी के छोटे बाजार रोशनी से महरूम रहे थे। इस बार हालात कुछ ठीक हैं तो बाजार को रोशन करने की तैयारी हो चुकी है। हर साल दिवाली से करीब 15 दिन पहले व्यापार मंडल बाजार में सामूहिक सजावट के लिए ऊर्जा विभाग को आवेदन करते रहे हैं और फाइल सीएम हाउस तक जाती है। उसके बाद व्यापारियों को रियायती दरों पर बिजली का तोहफा मिलता है।
मुख्यमंत्री कर रहे हैं बिजली बचाने की अपील
राजस्थान में बिजली संकट की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी बिजली बचाने की अपील कर रहे हैं। गुरुवार को भी सीएम ने ट्वीट कर प्रदेश की जनता से बिजली के सीमित और विवेकपूर्ण इस्तेमाल की अपील की है। उन्होंने लिखा कि बिजली संकट से पूर देश जूझ रहा है। मौसम तंत्र के परिवर्तन से बिजली की मांग में इजाफा हुआ है। मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ गया है।
राजस्थान में बिजली संकट की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी बिजली बचाने की अपील कर रहे हैं। गुरुवार को भी सीएम ने ट्वीट कर प्रदेश की जनता से बिजली के सीमित और विवेकपूर्ण इस्तेमाल की अपील की है। उन्होंने लिखा कि बिजली संकट से पूर देश जूझ रहा है। मौसम तंत्र के परिवर्तन से बिजली की मांग में इजाफा हुआ है। मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ गया है।
अघरेलू दर पर कनेक्शन
जयपुर विद्युत वितरण निगम के जयपुर शहर अधीक्षण अभियंता अशोक त्यागी ने बताया कि व्यापार मंडलों को हर साल अघरेलू दर पर अस्थाई कनेक्शन जारी किए जाते हैं। अस्थाई कनेक्शन के तहत अघरेलू नेक्शन की दर का डेढ़ गुणा वसूला जाता है, लेकिन छूट के बाद व्यापार मंडलों को अघरेलू की सामान्य टेरिफ पर कनेक्शन जारी किया जाता रहा है वर्ष 2018 में 76 अस्थाई कनेक्शन, 2019 में भी 76 अस्थाई कनेक्शन और 2020 में 46 स्थाई कनेक्शन जारी किए गए थे। बाजारों में तीन दिन की सामूहिक सजावट के दौरान हर साल 70 से 80 हजार यूनिट बिजली की खपत होती रही है।
जयपुर विद्युत वितरण निगम के जयपुर शहर अधीक्षण अभियंता अशोक त्यागी ने बताया कि व्यापार मंडलों को हर साल अघरेलू दर पर अस्थाई कनेक्शन जारी किए जाते हैं। अस्थाई कनेक्शन के तहत अघरेलू नेक्शन की दर का डेढ़ गुणा वसूला जाता है, लेकिन छूट के बाद व्यापार मंडलों को अघरेलू की सामान्य टेरिफ पर कनेक्शन जारी किया जाता रहा है वर्ष 2018 में 76 अस्थाई कनेक्शन, 2019 में भी 76 अस्थाई कनेक्शन और 2020 में 46 स्थाई कनेक्शन जारी किए गए थे। बाजारों में तीन दिन की सामूहिक सजावट के दौरान हर साल 70 से 80 हजार यूनिट बिजली की खपत होती रही है।
तो जनरेटर से रोशन होगा बाजार
व्यापार मंडलों को सस्ती दरों पर बिजली नहीं मिलती है तो कुछ व्यापार मंडल जनरेटर चलाकर बाजार को रोशन करने की बात भी करने लगे हैं। एमआई रोड पर तो एक-दो दिन के भीतर सजावट का काम शुरू भी हो जाएगी और चारदीवारी के भीतरी बाजार भी सजावट का काम शुरू करवा देंगे। व्यापार मंडल के महासचिव सुरेश सैनी का कहना है कि बाजार में बिजली के अस्थाई कनेक्शन के लिए एक-दो दिन के भीतर फाइल लगा दी जाएगी। यदि राजस्थान में बिजली संकट और गहराता है या सरकार रियायती दरों पर बिजली देने का फैंसला नहीं करेगी तो मजबूरन जनरेटर चलाकर बाजार को रोशन करना पड़ेगा।
व्यापार मंडलों को सस्ती दरों पर बिजली नहीं मिलती है तो कुछ व्यापार मंडल जनरेटर चलाकर बाजार को रोशन करने की बात भी करने लगे हैं। एमआई रोड पर तो एक-दो दिन के भीतर सजावट का काम शुरू भी हो जाएगी और चारदीवारी के भीतरी बाजार भी सजावट का काम शुरू करवा देंगे। व्यापार मंडल के महासचिव सुरेश सैनी का कहना है कि बाजार में बिजली के अस्थाई कनेक्शन के लिए एक-दो दिन के भीतर फाइल लगा दी जाएगी। यदि राजस्थान में बिजली संकट और गहराता है या सरकार रियायती दरों पर बिजली देने का फैंसला नहीं करेगी तो मजबूरन जनरेटर चलाकर बाजार को रोशन करना पड़ेगा।
सरकार से पूरी उम्मीद
जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल का कहना है कि हर बार बिजली की दरों में रियायत मिलती रही है और इस बार भी पूरी उम्मीद है कि सरकार बाजारों को रोशन करने के लिए व्यापार मंडलों के हित में फैंसला लेगी। यदि बिजली कनेक्शन की दरों में रियायत नहीं मिलती है तो जयपुर महासंघ की बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि क्या करना है।
जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल का कहना है कि हर बार बिजली की दरों में रियायत मिलती रही है और इस बार भी पूरी उम्मीद है कि सरकार बाजारों को रोशन करने के लिए व्यापार मंडलों के हित में फैंसला लेगी। यदि बिजली कनेक्शन की दरों में रियायत नहीं मिलती है तो जयपुर महासंघ की बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि क्या करना है।