जयपुर। कोयले की कमी (shortage coal) से गड़बड़ाये बिजली उत्पादन के चलते जयपुर डिस्कॉम क्षेत्र में रविवार को छुट्टी के दिन भी 7 से 8 घंटे बिजली कटौती (power cut) रही। वहीं प्रदेश में बिजली की मांग और उत्पादन में रविवार को करीब 2450 मेगावाट का अंतर रहा। अधिकतम मांग 11800 मेगावाट और बिजली की उपलब्धता 9353 मेगावाट रही। हालांकि छुट्टी का दिन होने से कार्यालय व कई फैक्ट्रीयां बंद रहती है। सोमवार को फिर बिजली की मांग और उपलब्धता का अंतर बढ़ेगा। उधर सहमति के बाद भी पूरा कोयला नहीं मिलने पर ऊर्जा विभाग के एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने रविवार को केन्द्रीय कोल सचिव को संदेश भेजकर आपत्ति जताई।
इस बीच राहत की खबर है कि कोटा थर्मल प्लांट की 195 मेगावाट क्षमता की एक यूनिट से सोमवार सुबह से उत्पादन शुरू हो जाएगा। इससे एक दिन पहले कालीसिंध प्लांट की 600 मेगावाट की एक यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू हो चुका है। ये दोनों यूनिट तकनीकी कारणों से बंद थी। कोयले की कमी से सूरतगढ़ प्लांट की 6 यूनिट अब भी बंद है।
सहमति के बाद भी रैक में कमी…
ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने रविवार को फिर केन्द्रीय कोल सचिव को संदेश भेजकर पूरा कोयला नहीं भेजने को लेकर आपत्ति जताई। संयुक्त सचिव (कोल) की अध्यक्षता में गठित सब ग्रुप की अनुशंसा के बाद भी एनसीएल से 4 ही रैक भेजी और एसईसीएल से एक भी रैक नहीं भेजी गई। हर दिन कम से कम दस रैक की मांग की है।
ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने रविवार को फिर केन्द्रीय कोल सचिव को संदेश भेजकर पूरा कोयला नहीं भेजने को लेकर आपत्ति जताई। संयुक्त सचिव (कोल) की अध्यक्षता में गठित सब ग्रुप की अनुशंसा के बाद भी एनसीएल से 4 ही रैक भेजी और एसईसीएल से एक भी रैक नहीं भेजी गई। हर दिन कम से कम दस रैक की मांग की है।
696 मेगावाट की उपलब्धता बढ़ी…
रविवार को करीब 696 मेगावाट की उपलब्धता बढ़ी हैं। वहीं करीब 99 मेगावाट की औसत मांग और 682 मेगावाट की अधिकतम मांग में कमी आई है। एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में मौसम के सुधार के कारण करीब 207 लाख यूनिट सौर उर्जा व 175 लाख यूनिट पवन उर्जा की उपलब्धता रही।
रविवार को करीब 696 मेगावाट की उपलब्धता बढ़ी हैं। वहीं करीब 99 मेगावाट की औसत मांग और 682 मेगावाट की अधिकतम मांग में कमी आई है। एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में मौसम के सुधार के कारण करीब 207 लाख यूनिट सौर उर्जा व 175 लाख यूनिट पवन उर्जा की उपलब्धता रही।