जल संसाधन विभाग के अनुसार प्रदेश में 256 लघु और मध्यम और अन्य छोटे बांधों को मिला कर 742 बांध हैं। पूरे मानसून में इन बांधों में 40 प्रतिशत से ज्यादा पानी नहीं आया। एक एक बांध की स्थिति के हिसाब से देखें तो 229 बांधों तक मानसून का पानी पहुंचा ही नहीं। इसके अलावा 365 बांधों मेें मामूली आवक रही। 148 बांध इसलिए भाग्यशाली रहे कि इनके बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण और एनीकट नहीं थे, इसलिए इनमें पानी आया और ये लबालब हो गए।
असल में प्रदेश के 22 बडे बांध ही जल संसाधन विभाग के अधीन हैं। अन्य छोटे बड़े 742 बांध पंचायतों के अधीन हैं। पंचायत क्षेत्रों के अधीन बांधों के बहाव क्षेत्रों में अतिक्रमण की रोकथाम की कोई प्रभावी व्यवस्था नही है। ऐसे में इन बांधों के बहाव क्षेत्र अतिक्रमण की बाढ़ में पूरी तरह से छिप गए हैं
जयपुर के रामगढ़ बांध का भी यही हाल रहा। इस बांध के बहाव क्षेत्र में 600 से ज्यादा अतिक्रमणों ने बारिश के पानी को बांध तक आने से रोक दिया। जिससे इस बार भी बांध में पानी नहीं आया।