राजस्थान का आर्थिक अपराध में पहला नंबर है। वर्ष 2017 में 21645 मामलों के साथ राजस्थान पहले नंबर पर रहा। जबकि 20717 प्रकरणों के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर और 13941 प्रकरणों के साथ महाराष्ट्र का तीसरा नंबर रहा।
भ्रष्टाचार में तीसरा नंबर
भ्रष्टाचार में तीसरा नंबर
देश में भ्रष्टाचार के मामलों में राजस्थान का तीसरा नंबर है। राजस्थान में वर्ष 2017 में भ्रष्टाचार के कुल 404 मामले सामने आए। इनमें 291 रंगे हाथ रिश्वत लेते, 15 आय से अधिक सम्पत्ति और 98 पद का दुरुपयोग करने के हैं। जबकि भ्रष्टाचार में 925 मामलों के साथ महाराष्ट्र का पहला नंबर है और 494 मामलों के साथ उड़ीसा का दूसरा नंबर है।
सायबर अपराध में चौथा स्थान
सायबर अपराध में चौथा स्थान
राजस्थान में सायबर जालसाजों का बोलबाला बढ़ता जा रहा है। आए दिन सायबर ठगी के शिकारों की संख्या बढ़ती जा रही है। वहीं देश में वर्ष 2017 में सायबर ठगी में राजस्थान का चौथा नंबर रहा। राजस्थान में 1304 प्रकरण सामने आए। वहीं उत्तर प्रदेश 4971 प्रकरणों के साथ पहले नंबर पर रहा। जबकि महाराष्ट्र में 3604 सायबर ठगी के प्रकरणों के साथ दूसरे नंबर पर रहा। 3174 प्रकरणों के साथ कर्नाटक का तीसरा नंबर रहा।
अपहरण में छठा और बच्चों के अपहरण में 8वां नंबर
अपहरण में छठा और बच्चों के अपहरण में 8वां नंबर
एनसीआरबी के जारी आंकड़ों पर गौर करें तो राजस्थान का अपहरण के मामले में छठा स्थान है। वर्ष 2017 में राजस्थान में 5216 अपहरण के मामले सामने आए। जबकि उत्तर प्रदेश 19921 मामलों के साथ पहले नंबर पर रहा। 10738 मामलों के साथ महाराष्ट्र का दूसरा नंबर रहा है। राजस्थान में वर्ष 2018 में अपहरण के कुल 5809 मामले सामने आए। वहीं प्रदेश में वर्ष 2019 में अपहरण के मामलों में काफी बढ़ोत्तरी होकर 6485 प्रकरण दर्ज हो चुके हैं।
एससी में चौथा, तो एसटी मामलों में दूसरा नंबर
एससी में चौथा, तो एसटी मामलों में दूसरा नंबर
राजस्थान का वर्ष 2017 में अनुसूचित जाति अत्याचार मामलों में चौथा नंबर रहा। इस वर्ष राजस्थान में 4238 आपराधिक मामले दर्ज हुए। जबकि उत्तर प्रदेश 11444 मामलों के साथ पहले नंबर रहा। 6747 प्रकरणों के साथ बिहार बिहार दूसरे नंबर पर तो 5892 प्रकरणों के साथ मध्यप्रदेश तीसरे नंबर पर रहा। जबकि अनुसूचित जनजाति अत्याचार मामलों में राजस्थान का दूसरा नंबर रहा। वर्ष 2017 में अनुसूचित जनजाति अत्याचार के 984 प्रकरण दर्ज हुए। जबकि 2289 प्रकरणों के साथ मध्यप्रदेश का पहला नंबर रहा।
हत्या में 8वें स्थान पर राजस्थान
हत्या में 8वें स्थान पर राजस्थान
देश में वर्ष 2017 के आंकड़ों पर गौर करें तो हत्याओं के मामले में राजस्थान का 8वां स्थान आता है। इस वर्ष राजस्थान में 1473 हत्याएं हुई। जबकि पहले नंबर पर उत्तर प्रदेश रहा। इसी वर्ष उत्तर प्रदेश में 4324 हत्याएं हुई। जबकि बिहार 2803 हत्याओं के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
बलात्कार के मामलों में तीसरे नंबर पर, चार की हत्या भी की
बलात्कार के मामलों में तीसरे नंबर पर, चार की हत्या भी की
राजस्थान का बलात्कार के मामलों में तीसरा नंबर है। यहां वर्ष 2017 के आंकड़ों को देखा जाए पहला नंबर मध्यप्रदेश का है। मध्यप्रदेश में 5594 बच्चियों से लेकर महिलाओं तक बलात्कार के मामले सामने आए। वहीं दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश रहा। यहां बलात्कार के 4669 प्रकरण दर्ज हुए। जबकि राजस्थान में 3319 बलात्कार के मामले सामने आए। राजस्थान में छह साल से छोटी 7 बच्चियों का बलात्कार किया गया। जबकि 6 से 12 वर्ष की 29 और 12 से 16 साल तक की 156 किशोरियों का बलात्कार हुआ। 16 से 18 वर्ष तक की 320 नाबालिग लड़कियों से बलात्कार हुआ। राजस्थान में ही 18 से 30 साल तक की 1988 युवतियों से बलात्कार के मामले सामने आए। 30 से 45 वर्ष की 744 और 45 से 60 वर्ष की 71 महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ। 4 वृद्धाओं के साथ भी बलात्कार के मामले सामने आए। वहीं 4 महिलाओं की गैंग रेप के बाद हत्या कर दी गई।