
Free Ration: राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गरीबों का गेहूं रास्ते में गायब होने की समस्या का समाधान करने के लिए सरकार ने तीन महीने पहले व्यवस्था में बदलाव किया। अब गेहूं परिवहन का कार्य जिला नागरिक आपूर्ति प्रबंधकों से लेकर जिला रसद अधिकारियों को सौंपा गया है। इसके बावजूद, हालात में कोई सुधार नहीं आया है। जयपुर जिले में अब भी राशन की दुकानों तक पहुंचने से पहले ही हजारों क्विंटल गेहूं परिवहन के दौरान गायब हो रहा है। पिछले तीन महीने में ही 2,000 क्विंटल से अधिक गेहूं राशन डीलरों तक पहुंचने से पहले ही गुम हो चुका है।
पत्रिका की पड़ताल में सामने आया है कि क्रय विक्रय सहकारी समितियों ने गेहूं परिवहन का कार्य मिलते ही उसमें गड़बड़ियां करना शुरू कर दिया है। चहेते ठेकेदारों को बिना टेंडर के ही काम सौंपा गया है। परिवहन ठेकेदारों ने गेहूं राशन डीलरों तक पहुंचने से पहले ही उसे गायब करना शुरू कर दिया। विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि ठेकेदार बिना बिल्टी बनाए ही गेहूं का परिवहन कर रहे हैं, जिससे यदि गेहूं गायब होने की जांच हो, तो ठीकरा आसानी से क्रय विक्रय सहकारी समितियों पर डाला जा सके।
कांग्रेस सरकार के दौरान जयपुर जिले में गेहूं परिवहन ठेकेदार ने 10 करोड़ रुपए की लागत का गेहूं गायब कर दिया। विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार की जांच में यह बात सामने आई थी। इसके बाद ठेकेदार का टेंडर निरस्त कर दिया गया। बताया जा रहा है कि क्रय विक्रय सहकारी समितियां और रसद विभाग के अधिकारी मिलकर पुराने ठेकेदार से ही गेहूं परिवहन करा रहे हैं।
अब स्थिति यह है कि जिस राशन डीलर के पास गेहूं कम पहुंचता है, वह कम लाभार्थियों को वितरण करता है। इससे लाभार्थियों और डीलरों के बीच आए दिन विवाद हो रहे हैं। डीलर भी यही कहते हैं कि इस बार गेहूं कम है और अगले महीने दो माह का गेहूं दिया जाएगा।
जुलाई- आवंटन: 15,661 क्विंटल, उठाव: 15,661 क्विंटल, डीलर के पास पहुंचने वाला: 57 क्विंटल
अगस्त- आवंटन: 15,617 क्विंटल, उठाव: 15,215 क्विंटल, डीलर के पास पहुंचने वाला: 515 क्विंटल
सितंबर- आवंटन: 13,298 क्विंटल, उठाव: 13,297 क्विंटल, डीलर के पास पहुंचने वाला: 1,583 क्विंटल
Published on:
06 Oct 2024 08:17 am
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