परीक्षा में 184.50 अंक के साथ मोनिका चौधरी तीसरे स्थान पर रही। जयपुर की रहने वाली छवि सिंघल ने 183 अंक प्राप्त किए। छवि ने जोधपुर में आरजेएस की कोचिंग की थी। आरजेएस की प्री परीक्षा इसी साल मार्च में आयोजित की गई थी। प्री परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी सितम्बर में हुई मुख्य परीक्षा में बैठे। इसके बाद साक्षात्कार के लिए 101 अभ्यर्थियों का चयन किया गया।
हाईकोर्ट ने एक से लेकर तीन नवम्बर तक अभ्यर्थियों के साक्षात्कार लिए और चार नवम्बर को परिणाम जारी कर दिया। ये रही कटऑफ रजिस्ट्रार एग्जाम द्वारा जारी परिणाम के अनुसार जनरल कैटेगरी में 18, ओबीसी/एनसीएल में 6, एससी वर्ग में 5, एसटी वर्ग में 6 अभ्यर्थी चयन सूचि में है।
जनरल कैटेगरी का कटऑफ 171.50, ओबीसी वर्ग के लिए 156.50, एससी वर्ग के लिए 144, एसटी वर्ग के लिए 131 तथा फिजिकली हैंडिकैप जनरल के लिए 161.50 रहा। संपूर्ण रिजल्ट राजस्थान हाईकोर्ट की अधिकृत वेबसाइट पर उपलब्ध है।
बचपन में कोर्ट देखकर जज बनने की ठानी आरजेएस परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल करने वाली विनिता बचपन में अपने पारिवारिक मसले के सिलसिले में कोर्ट गई थी। कोर्ट के एक निर्णय की ताकत का उस समय विनिता को अहसास हुआ और उसने जज बनने की ठानी।
विनिता ने राष्ट्रीय विधि विवि (एनएलयू) पटियाला से पांच साल की कानून की डिग्री हासिल की। इसके बाद उसने जस्टिस निर्मलजीत कौर के मार्गदर्शन में एक साल की लीगल रिसर्च की। वर्तमान में जोधपुर डिस्कॉम में जूनियर लीगल ऑफिसर (जेएलओ) के पद पर कार्यरत विनिता के पिता सोहनलाल कृषि विभाग में इंजीनियर हंै। माता कौशल्या गृहिणी है। विनिता ने बताया कि उसका मुख्य उद्देश्य आम जनता में कानूनी साक्षरता को बढ़ावा देना है।