रेनवाल के हरसोली मोड़ पर मंगलवार रात हुए सड़क हादसे के बाद बुधवार को शादी की खुशियां मातम में बदल गईं। हादसे में मारे गए आठ लोगों में से जयपुर निवासी छह लोग एक ही परिवार के हैं, जो दुल्हनों के सगे रिश्तेदार थे। रिश्तेदारों की मौत के चलते शादी का कार्यक्रम रोक दिया गया।
इतना ही नहीं कुल आठ मृतकों में एक हस्तेडा निवासी भी है, जो शादी वाले घर से कुछ ही दूरी पर रहता है। गोविंदगढ़ थाना अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा ने मय जाप्ता घटना स्थल का जायजा लेकर मृतकों के परिजनों को सूचना दी। दोपहर 11 बजे बाद हस्तेडा निवासी शरीफ के शव को उसके घर लाया गया।
जानकारी के अनुसार हस्तेडा के पठानों का मोहल्ला निवासी इनाम कुरेशी के बेटे मकबूल कुरेशी और चिराग कुरेशी की मंगलवार को नरेना (सांभर) में शादी हुई थी। बुधवार को इनाम की दो बेटियों यानी दूल्हों की सगी बहन नौशाद बानो और गुलशाद बानो की भी शादी थी। हस्तेड़ा का ही रहने वाला पेशे से वाहन चालक शरीफ खां (40)अपनी गाड़ी से बुकिंग लेकर सोमवार दोपहर को इनाम और उसके परिवारजनों को नरेना शादी में ले गया था। मंगलवार रात को शादी से लौटते वक्त रेनवाल रोड पर हरसोली के पास गाड़ी के साथ हादसा हो गया। घटना स्थल के पास स्वास्थ्य केन्द्र में पोस्टमार्टम के बाद छह शवों को जयपुर और दो अन्य को उनके गांव भेज दिया गया।
मृतकों में दुल्हनों के बुआ, फूफा और भाई भी
मृतकों में जयपुर निवासी छह लोग हैं। सभी दुल्हनों के सगे रिश्तेदार हैं। इनमें इनाम कुरेशी की बहन और दुल्हनों की बुआ गुलशन बानो (55) पत्नी इकरामुद्दीन, बुआ की बेटियां शमा बानो (28) पत्नी नवाब कुरेशी, फिरोज बानो (24) पत्नी इमरान कुरेशी, इनाम के नवासे रिहान (3) पुत्र इमरान और आहिल (2) पुत्र नवाब, जंवाई गासी खां की शामिल हैं। इनके अलावा हस्तेडा निवासी मृतक शरीफ खां भी गांव के नाते शादी वाले परिवार से जुड़ा हुआ है। एक अन्य मृतक मलिकपुर पचार निवासी पप्पु पारीक भी है।
मृतकों में जयपुर निवासी छह लोग हैं। सभी दुल्हनों के सगे रिश्तेदार हैं। इनमें इनाम कुरेशी की बहन और दुल्हनों की बुआ गुलशन बानो (55) पत्नी इकरामुद्दीन, बुआ की बेटियां शमा बानो (28) पत्नी नवाब कुरेशी, फिरोज बानो (24) पत्नी इमरान कुरेशी, इनाम के नवासे रिहान (3) पुत्र इमरान और आहिल (2) पुत्र नवाब, जंवाई गासी खां की शामिल हैं। इनके अलावा हस्तेडा निवासी मृतक शरीफ खां भी गांव के नाते शादी वाले परिवार से जुड़ा हुआ है। एक अन्य मृतक मलिकपुर पचार निवासी पप्पु पारीक भी है।
बेटियों को सुबह तक नहीं दी खबर
हालांकि घटना और मौत की पुष्टि मंगलवार रात को ही हो गई थी, लेकिन यहां हस्तेडा में किसी ने भी इसकी सूचना शादी वाले घर तक नहीं पहुंचने दी। इसलिए यहां आज सुबह तक माहौल सामान्य बना रहा। टैंड और लाइटें लगी हुई थी। गांवों के कई लोगों को अन्य माध्यमों से इस दुघर्टना और मृतकों के नाम तक मालूम थे, लेकिन कोई भी घर के अन्य लोगों तक यह दुख भरी जानकारी देने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। इनाम कुरेशी की दोनों बेटियां नौशाद और गुलशाद मेहंदी लगे हाथों से अपने सेहरा बंधे भाइयों के स्वागत करने को तैयार थी। चालक शरीफ का शव गांव लाते ही शादी वाले घर में लोगों को घटना का पता चला। एक ओर शादी वाले घर में अफरा-तफरी, तो दूसरी ओर पड़ोस के घर में कोहराम…। हर कोई इस गम की घड़ी में आंखें गीली कर बैठा। ऐसे में दोनों परिवारों को ढांढस बंधाने वालों का भी तांता लग गया। मौके पर सरपंच नुज्जत खातून, पंचायत समिति सदस्य सुमन शर्मा, दाऊदखाजी पठान, बाबूलाल मनियार, असलम लुहार, ओमप्रकाश जोगी, इस्माइल खां कमरुद्दीन कुरेशी, मालीराम मीणा, नितेश नरेडा, सुबोध मिश्रा, बनवारी सहित सैकड़ों लोग पहुंचेद्ध
हालांकि घटना और मौत की पुष्टि मंगलवार रात को ही हो गई थी, लेकिन यहां हस्तेडा में किसी ने भी इसकी सूचना शादी वाले घर तक नहीं पहुंचने दी। इसलिए यहां आज सुबह तक माहौल सामान्य बना रहा। टैंड और लाइटें लगी हुई थी। गांवों के कई लोगों को अन्य माध्यमों से इस दुघर्टना और मृतकों के नाम तक मालूम थे, लेकिन कोई भी घर के अन्य लोगों तक यह दुख भरी जानकारी देने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। इनाम कुरेशी की दोनों बेटियां नौशाद और गुलशाद मेहंदी लगे हाथों से अपने सेहरा बंधे भाइयों के स्वागत करने को तैयार थी। चालक शरीफ का शव गांव लाते ही शादी वाले घर में लोगों को घटना का पता चला। एक ओर शादी वाले घर में अफरा-तफरी, तो दूसरी ओर पड़ोस के घर में कोहराम…। हर कोई इस गम की घड़ी में आंखें गीली कर बैठा। ऐसे में दोनों परिवारों को ढांढस बंधाने वालों का भी तांता लग गया। मौके पर सरपंच नुज्जत खातून, पंचायत समिति सदस्य सुमन शर्मा, दाऊदखाजी पठान, बाबूलाल मनियार, असलम लुहार, ओमप्रकाश जोगी, इस्माइल खां कमरुद्दीन कुरेशी, मालीराम मीणा, नितेश नरेडा, सुबोध मिश्रा, बनवारी सहित सैकड़ों लोग पहुंचेद्ध
इधर, तो जैसे सब कुछ हो गया तबाह
दुर्घटना में मारे गए हस्तेडा निवासी शरीफ खां के परिवार तो दुखों का पहाड़ सा टूट पड़ा। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार बिलख पड़ा। ज्यों ही मृतक का शव घर लाया गया, तो उसकी पत्नी, बेटियां, छोटा बेटा सभी ने शव को दरवाजे पर ही जकड़ लिया। मृतक की पत्नी सन्नो बानो कभी पति के शव को देखे, तो कभी तीनों बेटियों और छोटे बेटे को देखकर बार-बार अचेत हो रही थी। लोगों ने बताया कि पूरा परिवार की जिम्मेदारी शरीफ पर थी। उसकी मौत के बाद अब परिवार के भरण-पोषण कैसे होगा। तीनों बेटियां व छोटा बेटा भी स्कूल जाता है।
दुर्घटना में मारे गए हस्तेडा निवासी शरीफ खां के परिवार तो दुखों का पहाड़ सा टूट पड़ा। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार बिलख पड़ा। ज्यों ही मृतक का शव घर लाया गया, तो उसकी पत्नी, बेटियां, छोटा बेटा सभी ने शव को दरवाजे पर ही जकड़ लिया। मृतक की पत्नी सन्नो बानो कभी पति के शव को देखे, तो कभी तीनों बेटियों और छोटे बेटे को देखकर बार-बार अचेत हो रही थी। लोगों ने बताया कि पूरा परिवार की जिम्मेदारी शरीफ पर थी। उसकी मौत के बाद अब परिवार के भरण-पोषण कैसे होगा। तीनों बेटियां व छोटा बेटा भी स्कूल जाता है।