scriptरोडवेज में तबादलों को लेकर मची ‘रार’, लेखा शाखा में किए तबादले, एमडी ने किए निरस्त | Rajasthan Roadways: Rajasthan Roadways Transfer List 2019 | Patrika News

रोडवेज में तबादलों को लेकर मची ‘रार’, लेखा शाखा में किए तबादले, एमडी ने किए निरस्त

locationजयपुरPublished: Aug 09, 2019 10:04:40 am

Submitted by:

dinesh

Rajasthan Roadways: राज्य विधानसभा ( Rajasthan Vidhansabha ) का बजट सत्र समाप्त होने के साथ ही प्रदेश के लगभग सभी विभागों में तबादलों का सिलसिला शुरू हो गया है। लेकिन रोडवेज ( Rajasthan Roadways ) में अधिकारियों में ठनी हुई है…

Rajasthan Roadways

जयपुर। राज्य विधानसभा ( Rajasthan Vidhansabha ) का बजट सत्र समाप्त होने के साथ ही प्रदेश के लगभग सभी विभागों में तबादलों का सिलसिला शुरू हो गया है। लेकिन रोडवेज ( rajasthan roadways ) में अधिकारियों में ठनी हुई है। वित्तीय सलाहकार वीना गुप्ता ने एमडी की जानकारी में लाए बिना लेखा शाखा के आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारियों के तबादले किए, तो प्रबंध निदेशक (एमडी) शुचि शर्मा ने जानकारी मिलते ही निरस्त कर दिए।

 

जबकि हालात यह है कि घाटे से जूझ रहे राजस्थान रोडवेज ( rsrtc ) में सभी डिपो तक में मुख्य प्रबंधक नहीं लगे हैं। ऐसे में कई डिपो अतिरिक्त कार्यभार के हवाले चलाए जा रहे हैं। तीन डिपो तो एक ही अधिकारी के पास हैं। ऐसे में रोडवेज अपने यात्रीभार में सुधार कर बढ़ोत्तरी ही नहीं कर पा रहा है।

 

वित्तीय सलाहकार की ओर से किए गए तबादलों को एमडी ने निरस्त ही नहीं किए, इनमें से कुछ का दूसरे स्थानों पर तबादला ( Rajasthan Roadways Transfer List ) भी कर दिया। ऐसे में लेखाशाखा के र्कािर्मकों में अब इसको लेकर ज्यादा भय दिख रहा है कि आखिर वे किस अधिकारी को अपनी फरियाद करें।

 

एक माह में ही दो-दो बदली
कुछ दिनों पहले एक अधिकारी के पास केन्द्रीय बस स्टैण्ड सिंधी कैम्प के साथ डीलक्स डिपो का अतिरिक्त कार्यभार था। लेकिन पहले केन्द्रीय बस स्टैण्ड से रवानगी दी। कुछ दिनों बाद डीलक्स डिपो से भी हटा दिया गया। अब उन्हें विद्याधर नगर डिपो की कमान सौंप दी गई है। इसी तरह जो अधिकारी जीएम बस बॉडी थे, वे अब वहां से रवाना होकर विद्याधर नगर डिपो होते हुए वापस रोडवेज मुख्यालय में महाप्रबंधक टायर के पद पर पहुंच गए हैं। इसी तरह जो महाप्रबंधक टायर थे, वे अब महाप्रबंधक गुणवत्ता काम देखेंगे। लेकिन वे इलेक्ट्रिक शाखा से हैं। ऐसे में मैकेनिकल की गुणवत्ता कैसे परखेंगे? इधर, भरतपुर, धौलपुर और लोहागढ़ डिपो ऐसे हैं, जिनकी मुख्य प्रबंधन की जिम्मेदारी एक ही अधिकारी के पास है। इनके अलावा अतिरिक्त कार्यभार के भरोसे डीलक्स डिपो जयपुर, बारां और उदयपुर डिपो भी चल रहे हैं।

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