पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण के तहत प्रदेश में बनने वाली कुल सड़कों के 70 प्रतिशत प्रस्ताव स्वीकृति के लिए केन्द्र को इसी वित्तीय वर्ष में भेजे जाएंगे। पायलट ने गुरुवार को शासन सचिवालय में एक बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रगतिरत और पूर्ण कार्यों की समीक्षा की।
योजना के तीसरे चरण के तहत आगामी पांच वर्ष में राज्यभर में 5 हजार करोड़ रूपए की लागत से 8 हजार 662 किलोमीटर लम्बाई की ग्रामीण सड़कों का सुदृढ़ीकरण, चौड़ाईकरण एवं नवीनीकरण होगा। इसमें केन्द्र एवं राज्य की हिस्सेदारी पूर्व की भांति क्रमशः 60 और 40 प्रतिशत रहेगी। पायलट ने कहा कि तीसरे चरण के प्रस्ताव दो भागों में तैयार किए जाएं। पहले भाग में कुल कार्य के 70 प्रतिशत कार्यों के प्रस्ताव अनुमोदित कर स्वीकृति के लिए केन्द्र सरकार को इसी वर्ष भिजवाए जाएं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से वार्ता कर तीसरे चरण के तहत प्रदेश में अपग्रेड होने वाली सड़कों की लम्बाई 8 हजार 662 किलोमीटर से और अधिक बढ़वाने के प्रयास भी किए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभाग की इस योजना के साथ-साथ सड़क विकास के अन्य कार्यों की भी सघन एवं प्रभावी निगरानी की जाए और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव, सार्वजनिक निर्माण विभाग वीनू गुप्ता तथा मुख्य अभियंता (पीएमजीएसवाई) सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।