scriptअस्पतालों और मरीजों की सरकार को है कितनी फिक्र, जानें पूरी सच्चाई | rajasthan's biggest hospital don't have enough budget for renovation | Patrika News

अस्पतालों और मरीजों की सरकार को है कितनी फिक्र, जानें पूरी सच्चाई

locationजयपुरPublished: Jul 18, 2018 11:32:05 am

Submitted by:

Mridula Sharma

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस में आते हैं सालाना 35 लाख मरीज, प्रति मरीज रखरखाव का बजट महज 3.67 रुपए

jaipur

अस्पतालों और मरीजों की सरकार को है कितनी फिक्र, जानें पूरी सच्चाई

विकास जैन/जयपुर. सरकार अपने अस्पतालों और मरीजों को लेकर कितनी चिन्तित है, इसकी गंभीर बानगी सामने आई है। सवाई मानसिंह अस्पताल राज्य का सबसे बड़ा और सालाना 35 लाख मरीजों वाला अस्पताल है, लेकिन सरकार रखरखाव के लिए हर साल उसे केवल 1.25 करोड़ रुपए दे रही है। यानी प्रति मरीज सालाना महज 3.67 रुपए। यह राशि पलक झपकते ही खत्म हो रही है। यही कारण है कि महीनेभर पहले एक ओटी में आग लगने के बाद बिगड़े हालात अब तक सुधर नहीं पाए हैं। पड़ताल की तो सामने आया कि 10 अस्पतालों का जिम्मा संभाल रहे राज्य के सबसे बड़े एसएमएस मेडिकल कॉलेज को सालाना रखरखाव के लिए सरकार से मात्र 4 करोड़ रुपए मिल रहे हैं। कॉलेज सभी अस्पतालों में यह राशि बांटता है।
आते ही खत्म हो जाती है राशि
इस साल इस राशि में से एसएमएस अस्पताल को 1.25 करोड़ रुपए दिए गए हैं। मरीजों का भारी दबाव झेल रहे इतने बड़े अस्पताल के लिए यह राशि ऊंट के मुंह में जीरा बराबर ही है। अस्पताल भवन को हर साल बड़े स्तर पर रखरखाव की जरूरत होती है लेकिन यह राशि आते ही खत्म हो जाती है। ऐसे में ज्यादातर काम अटके रह जाते हैं और हालत लगातार बिगड़ती जाती है। हादसे, आगजनी जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल प्रशासन के पास कोई राशि नहीं है।
बढ़ रही है वेटिंग
महीनेभर पहले एक ऑपरेशन थिएटर में लगी आग के बाद हालात खराब हैं। ओटी की मरम्मत और सुधार के लिए अस्पताल प्रशासन के पास पैसे नहीं हैं। इससे ऑपरेशन की वेटिंग बढ़ रही है, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। धन के लिए अस्पताल तो मेडिकल कॉलेज से उम्मीद लगाए बैठा है और कॉलेज प्रशासन सरकार की तरफ देख रहा है। इस बीच मरीजों और उनके परिजनों का आक्रोश डॉक्टरों को झेलना पड़ रहा है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. यूएस अग्रवाल से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हर साल 4 करोड़ रुपए ही मिलते हैं। इसमें से 1.25 करोड़ रुपए एसमएस अस्पताल को दे चुके हैं। बाकी 9 को भी बजट देना होता है। जानकारी में आया है कि एसएमएस को दिया गया बजट खत्म हो चुका है। हमने वित्त और चिकित्सा शिक्षा विभाग से और बजट मांगा है। प्रयास कर रहे हैं कि बजट जल्द मिले।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो