corrugated box industry: राजस्थान का कोरोगेटेड बॉक्स उद्योग संकट में
पिछले चार महीने में 80 फीसदी तक बढ़ी कागज की कीमतों से राज्य का कोरोगेटेड बॉक्स उद्योग ( corrugated box industry ) बुरी तरह लडख़ड़ा गया है। मंगलवार को ऑल राजस्थान कोरोगेटेड बोर्ड एंड बॉक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव कट्टा ने बताया कि क्राफ्ट पेपर कीमतों ( paper prices ) में अप्रत्याशित बढ़ोतरी के कारण राजस्थान के तकरीबन 1000 इकाइयों पर बंद होने का संकट गहरा गया है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से कम 50,000 परिवारों की आजीविका पर संकट खड़ा हो जाएगा।

जयपुर। पिछले चार महीने में 80 फीसदी तक बढ़ी कागज की कीमतों से राज्य का कोरोगेटेड बॉक्स उद्योग बुरी तरह लडख़ड़ा गया है। मंगलवार को ऑल राजस्थान कोरोगेटेड बोर्ड एंड बॉक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव कट्टा ने बताया कि क्राफ्ट पेपर कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी के कारण राजस्थान के तकरीबन 1000 इकाइयों पर बंद होने का संकट गहरा गया है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से कम 50,000 परिवारों की आजीविका पर संकट खड़ा हो जाएगा। कोरोगेटेड बॉक्स उद्योग से अप्रत्यक्ष रूप से दस लाख लोगों को रोजगार मिलता है। कट्टा ने बताया कि पिछले कुछ समय से स्थानीय व आयातित रद्दी की उपलब्धता में कमी के कारण क्राफ्ट पेपर की कीमतों में लगभग 16 से 20 रुपए प्रति किलो प्रति किलो की वृद्धि हुई है, जो कि दामों में लगभग 80 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी है।
क्यों बढ़ रही कीमतें
कट्टा ने बताया कि कोरोना के कारण रद्दी का कलेक्शन कम होना इसका मुख्य कारण है एवं विदेश से आने वाले कंटेनरों की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है साथ ही पेपर मिलों द्वारा क्राफ्ट पेपर एवं पेपर पल्प के निर्यात में बढ़ोतरी के कारण भारतीय बाजार में पेपर की कमी हो गई है। पेपर मिलों से स्थानीय बॉक्स निर्माताओं को प्राथमिकता के आधार पर माल नहीं मिल पा रहा है पेपर मिलो द्वारा निर्यात को प्राथमिकता दी जा रही है।
सरकार के तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत
कट्टा ने बताया कि केंद्र सरकार को निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर स्थानीय निर्माताओं को संरक्षण देना चाहिए, साथ ही पेपर की कीमतों में बढ़ोतरी के मूल कारण की वजह जानने के लिए उद्योग विभाग के अधिकारियों की व्यापारियों के सहयोग से उद्योग की हितों की रक्षा के लिए एक कमेटी बनाकर जांच शुरू करनी चाहिए कि दरों में वृद्धि का मूल कारण क्या है क्योंकि अधिकांश पेपर और पेपर पल्प चीन को निर्यात किया जा रहा है, जबकि चीन में आयातित रद्दी पर काफी कठोर प्रतिबंध है।
दूसरे उद्योगों भी होंगे प्रभावित
बॉक्स उद्योग मूल रूप से हैंडीक्राफ्ट, गारमेंट उद्योग, ऑयल एवं समस्त खाद्य पदार्थों की पैकिंग का मूल आधार है, जोकि बॉक्स के बिना पैक नहीं किया जा सकता है और दुकानों पर नहीं पहुंचाया जा सकता है। सभी तरह निर्यात का सामान भी कोरोगेटेड बॉक्स में ही पैक होता है, जिसमें इन वस्तुओं की पैकेजिंग कीमतों में बढ़ोतरी होगी।
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