गौरतलब है कि अमरीका के विभिन्न पोर्ट्स के लिए माला भाड़ा दस हजार डॉलर से 16 हजार डॉलर प्रति कंटेनर तक पहुंच गया है। शिपिंग लाइंस ने भारत से अमरीका के लिए जाने वाले कंटेनरों के भाड़े में अभी केवल मामूली कटौती की है और अभी भी ये लगभग 10 हजार डॉलर से 14 हजार डॉलर के बीच हैए जबकि गत सप्ताह चीन से जाने वाले कंटेनरों के भाड़े में इन लाइनों ने अप्रत्याशित कटौती करते हुए नई दर साढ़े पांच हजार डॉलर घोषित की है।
अमरीका की तर्ज पर…
हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स का कहना है अमरीका में बाइडन प्रशासन ने ओसियन शिपिंग रिफॉर्म्स एक्ट 2022 द्वारा दुनिया की 9 बड़ी शिपिंग लाइंस पर शिकंजा कसा है और वहां के फेडरल मैरीटाइम कमीशन को शिपिंग लाइंस द्वारा अपनाई जा रही अनुचित व्यापार नीति पर रोक लगाने की शक्तियां दी हैं।
कंटेनर भाड़े और अन्य शिपिंग खर्चों में कमी के लिए यदि शीघ्र ठोस प्रयास नहीं किए गएए तो यह व्यवसाय गंभीर संकट में फंस जाएगा और प्रदेश में जबरदस्त बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
बाबूलाल डोसी, हस्तशिल्प निर्यातक
अब समय आ गया है कि भारत सरकार को भी एक कानून बनाकर शिपिंग लाइंस की मनमानी पर अंकुश लगाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिएए नहीं तो अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारत के छोटे निर्यातक बहुत पीछे छूट जाएंगे। नवनीत झालानीए कोऑर्डिनेटर, राजस्थान हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स जॉइंट फोरम