CNG price hike jaipur: पेट्रोल-डीजल के बाद अब कमर तोड़ रही सीएनजी, जानें क्या है वजह
आपकों बता दें की इससे पहले मई में आरबीआई ने रेपो रेट में 0.40 फीसदी और जून में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था, जिसके बाद रेपो रेट 4.90 फीसदी पर पहुंच गई थी। आरबीआई की ओर से रेपो रेटे में इस साल की तीसरी बढ़ोतरी के बाद यह अगस्त 2019 के बाद सबसे अधिक हो गई है। इस तरह रेपो रेट अब कोरोना महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गई है।मदान का कहना है कि ब्याज दरें बढ़ने से ज्यादातर ईएमआई नहीं बढ़ती बल्कि लोन की रिस्ट्रक्चरिंग से उसका टेन्योर (जितने समय में लोन चुकाना है) बढ़ जाता है। इससे तात्कालिक खर्च पर असर नहीं पड़ता।
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रियल एस्टेट मार्केट पर असर नहींयदि ब्याज दरें 2019 के स्तर तक भी पहुंच जाएं तो अभी रियल एस्टेट के मार्केट पर असर नहीं पड़ेगा। वैसे भी ब्याज दरें फ्लोटिंग होती हैं इसलिए इनके घटने या बढ़ने पर घर खरीदने का निर्णय नहीं होना चाहिए।