Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान की 7463 ग्राम पंचायतों में होंगे सरपंच के चुनाव, अब गांवों में दिखेगा चुनावी रंग

राज्य निर्वाचन आयोग ने 7463 ग्राम पंचायतों में चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।

2 min read
Google source verification

Rajasthan Sarpanch Election: राज्य सरकार की वन स्टेट-वन इलेक्शन की तैयारी के बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने 7463 ग्राम पंचायतों में चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इन पंचायतों में सरपंच व वार्ड पंचों का पांच साल का कार्यकाल जनवरी-फरवरी 2025 में पूरा होने जा रहा है। हालांकि वन स्टेट-वन इलेक्शन की घोषणा के कारण हाल ही राज्य सरकार ने 49 शहरी निकायों में प्रशासक नियुक्त कर चुनाव टाल दिए।

अगले साल की शुरुआत में राजस्थान में 6759 ग्राम पंचायतों का जनवरी में और 704 का फरवरी में कार्यकाल पूरा हो रहा है। इसको देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने संबंधित जिला कलक्टरों को मतदाता सूची अपडेट करने और मतदाता केन्द्र चिन्हित करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही इन ग्राम पंचायतों में चुनाव की तैयारी शुरू हो गई। उधर, वन स्टेट-वन इलेक्शन की घोषणा के कारण शहरी निकायों की तरह ही इन पंचायतों के चुनाव पर भी असमंजस बरकरार है।

में 6759 ग्राम पंचायतों का जनवरी में और 704 का फरवरी में कार्यकाल पूरा हो रहा है। इसको देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने संबंधित जिला कलक्टरों को मतदाता सूची अपडेट करने और मतदाता केन्द्र चिन्हित करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही इन ग्राम पंचायतों में चुनाव की तैयारी शुरू हो गई। उधर, वन स्टेट-वन इलेक्शन की घोषणा के कारण शहरी निकायों की तरह ही इन पंचायतों के चुनाव पर भी असमंजस बरकरार है।

नियुक्त होंगे कर्मचारी…

राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए वोटर लिस्ट अपडेट करने के लिए प्रगणक नियुक्त करने को कहा है। आयोग ने बूथ लेवल ऑफिसर को ही प्रगणक नियुक्त करने को कहा है। उधर, माना जा रहा है कि सरकार पंचायतों के चुनाव खिसकाने के लिए वार्डों का परिसीमन करा सकती है।

कैसे टलेगी चुनाव की बाध्यता?

'वन स्टेट, वन इलेक्शन’ को लेकर सरकार ने हाल ही प्रशासक नियुक्त कर दिए या आने वाले दिनों में ग्राम पंचायत भी टाले जा सकते हैं। उधर, 73वें और 74वें संविधान संशोधन के बाद ग्राम पंचायत व शहरी निकायों के चुनाव हर 5 साल में करना अनिवार्य है, जिसे आपात स्थिति को छोड़कर आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। ऐसे में सवाल यह है कि चुनाव टालने के निर्णय को कानूनी रूप कैसे दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें : Rajasthan: इस ग्राम पंचायत को नगरपालिका क्षेत्र में शामिल करने की उठी मांग