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स्कॉलरशिप नहीं मिलने से परेशान छात्र ने मंत्री से मांगी इच्छा मृत्यु, जनसुनवाई के दौरान दिखा ऐसा नजारा

locationजयपुरPublished: Sep 19, 2017 06:45:21 pm

ऊर्जा मंत्री पुष्पेंद्र सिंह राणावत के समक्ष न केवल धरना दे दिया बल्कि इच्छा मृत्यु तक की मांग कर डाली। अधिकारी दस्तावेज नहीं मिलने का बहाना बनाकर तीन

scholarship student
बीजेपी कार्यालय में मंगलवार को जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान लोगों की समस्याओं को कितनी अहमियत दी जाती है इसका एक नजारा देखने को मिला। यहां जनसुनवाई के दौरान स्कॉलरशिप के लिए कई बार गुहार लगा चुके एक छात्र का गुस्सा फूट पड़ा। जिसके बाद छात्र ने ऊर्जा मंत्री पुष्पेंद्र सिंह राणावत के समक्ष न केवल धरना दे दिया बल्कि इच्छा मृत्यु तक की मांग कर डाली। इतना ही नहीं मामला इतना बढ़ गया कि हालात को काबू में करने के लिए विधायक कैलाश चौधरी को हस्तक्षेप करना पड़ा। तो वहीं युवक के जिद के आगे मंत्री तक भी लाचार दिखे।
मकड़लजाल में फंस गई स्कॉलरशिप

दरअसल जयपुर के स्वास्थ्य कल्याण हौम्योपैथिक कॉलेज में औसियां निवासी महेंद्र धांधू ने वर्ष-2012 में बीएचएमएस में दाखिल लिया था। अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित इस छात्र को शुरू के पहले दो साल तक तो स्कॉलरशिप मिल गई, लेकिन तीसरे साल में वह सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों के मकड़जाल में ऐसा उलझा की उसे तीन साल बाद भी न्याय नहीं मिल पाया है। तो वहीं उसे विधायक अपनी गाड़ी में साथ बैठाकर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी के सरकारी आवास पर ले गए जहां मंत्री की फटकार के पश्चात महकमे के अधिकारियों ने फरियादी के दस्तावेज जमा कर लिए।
मंत्रियों से लगाई गुहार

इस मामले में महेंद्र धांधू ने बताया कि साल 2014 में कॉलेज की ओर से स्कॉलरशिप के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बाद विभाग को हार्ड कॉपी भी भिजवा दी गई। इसके बावजूद अधिकारी दस्तावेज नहीं मिलने का बहाना बनाकर तीन साल से मामले को लटका रहे हैं। उधर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में अनेकों बार चक्कर काटने के बावजूद जब पीड़ित को न्याय नहीं मिला तो उसने बीजेपी कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान मंत्रियों के समक्ष गुहार लगाई, लेकिन न्याय नहीं मिला।
दो साल की स्कॉलरशिप के लिए नहीं कर पाया आवेदन

महेंद्र धांधू ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। इसके लिए बीएमएचएस के चौथे व पांचवे वर्ष की फीस समय पर नहीं जमा करवा, जिस कारण स्कॉलरशिप के लिए भी आवेदन नहीं कर पाया। छात्र ने बताया कि हर साल 45 हजार से अधिक की फीस जमा करानी पड़ती है, जो कि स्कॉलरशिप के रूप में रिटर्न हो जाती है। फीस समय पर नहीं जमा करा पाया जिस कारण स्कॉलरशिप के लिए फार्म नहीं जमा करा पाया। आखिरी साल की भी अभी तक साढ़े 12 हजार रुपए फीस बकाया है। यदि स्कॉलरशिप नहीं मिल पाई तो ये फीस भी जमा करवा पाना मुश्किल होगा।
स्कॉलरशिप के लिए मंत्रियों और अफसरों के कार्यालयों में चक्कर लगा चुका महेंद्र धांधू मंगलवार को जनसुनवाई में मंत्री पुष्पेंद्र सिंह के समक्ष धरने पर बैठ गया। अचानक हुए इस घटनाक्रम से मंत्री भी दंग रहे गए। मामले का पता चलते ही बायतू विधायक कैलाश चौधरी जनसुनवाई में पहुंचे और उन्होंने पीडि़त को न्याय दिलाने का भरोसा देकर अपनी गाड़ी में बैठाकर मंत्री अरुण चतुर्वेदी के निवास पर ले गए। चतुर्वेदी के निर्देश पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अफसरों ने पीड़ित से दस्तावेज जमा करा लिए हैं।

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